बिहार की नई मतदाता सूची 30 सितंबर को जारी: जानें किन दलों और उम्मीदवारों को देना होगा शुल्क

भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के तहत तैयार अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर 2025 को जारी करने की पुष्टि की है।

इस सूची में लगभग 7.3 करोड़ मतदाताओं के नाम होने की उम्मीद है, जिनमें 14 लाख नए पंजीकृत मतदाता शामिल हैं। यह बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो संभवतः नवंबर में तीन चरणों (5 से 15 नवंबर के बीच) में होंगे।

एसआईआर प्रक्रिया और मतदाता सूची का विवरण
एसआईआर प्रक्रिया जून 2025 में शुरू हुई थी, जिसमें 7.89 करोड़ मौजूदा मतदाताओं को अपने फॉर्म फिर से भरने के लिए कहा गया था। 1 अगस्त को जारी मसौदा सूची में 7.24 करोड़ नाम शामिल थे, जिसमें 6.5 लाख नाम (मृत, प्रवासित, या डुप्लिकेट मतदाताओं के) हटा दिए गए थे। अंतिम सूची अब चुनाव प्रक्रिया को तेज करेगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम 4 और 5 अक्टूबर को पटना में चुनावी तैयारियों का जायजा लेगी।

चुनाव की तारीखों की घोषणा
ऐसी अटकलें हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखें 6 अक्टूबर के बाद जल्द ही घोषित की जाएंगी। तारीखों की घोषणा के साथ ही पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी, जिससे तबादलों, नियुक्तियों और नई सरकारी योजनाओं या घोषणाओं पर प्रतिबंध लग जाएगा।

इन दलों को मुफ्त मिलेगी मतदाता सूची
निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को मतदाता सूची मुफ्त में प्रदान की जाएगी। इन दलों को सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची की हार्ड और सॉफ्ट कॉपी (पीडीएफ) मुफ्त में मिलेगी। बिहार में निम्नलिखित राष्ट्रीय दल इस लाभ के पात्र हैं:

  • भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
  • जनता दल (यूनाइटेड) (जेडीयू)
  • राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी)
  • कांग्रेस
  • कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई)
  • कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) (सीपीआई-एम)
  • नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी)

ये दल मतदाता सूची को ऑनलाइन पोर्टल (ceoelection.bihar.gov.in) या जिला निर्वाचन कार्यालयों से प्राप्त कर सकते हैं।

किन दलों और उम्मीदवारों को देना होगा शुल्क?
गैर-मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दल, नवगठित दल और निर्दलीय उम्मीदवारों को मतदाता सूची प्राप्त करने के लिए निर्धारित शुल्क देना होगा। बिहार में इस श्रेणी में कुछ प्रमुख दल निम्नलिखित हैं:

  • जन सुराज पार्टी (जेएसपी)
  • लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास)
  • बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी)
  • ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम)
  • अन्य छोटे दल और निर्दलीय उम्मीदवार

शुल्क की राशि
प्रति विधानसभा क्षेत्र के लिए मतदाता सूची की हार्ड कॉपी की कीमत 100 रुपये और सॉफ्ट कॉपी (पीडीएफ) की कीमत 50 रुपये है। बिहार में कुल 243 विधानसभा क्षेत्र हैं, इसलिए:

  • पूरी मतदाता सूची की हार्ड कॉपी का कुल खर्च: 243 × 100 = 24,300 रुपये
  • पूरी मतदाता सूची की सॉफ्ट कॉपी का कुल खर्च: 243 × 50 = 12,150 रुपये

पोलिंग स्टेशन-विशिष्ट सूचियों जैसे अतिरिक्त डेटा के लिए अतिरिक्त शुल्क लागू हो सकता है।

विवाद और चिंताएँ
एसआईआर प्रक्रिया को लेकर विपक्षी दलों, विशेष रूप से इंडिया गठबंधन (आरजेडी, कांग्रेस, वामपंथी दल और वीआईपी) ने मतदाता सूची से 65 लाख नाम हटाए जाने पर सवाल उठाए हैं। उनका दावा है कि यह प्रक्रिया अल्पसंख्यकों और प्रवासी मतदाताओं को मताधिकार से वंचित कर सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने 13 अगस्त 2025 को ईसीआई को हटाए गए मतदाताओं की सूची और हटाने के कारणों को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था। विपक्ष ने यह भी मांग की थी कि मतदाता सूची मशीन-पठनीय प्रारूप में उपलब्ध कराई जाए, लेकिन ईसीआई ने गोपनीयता के आधार पर इसे खारिज कर दिया।

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