डेटा सुरक्षा के लिए UIDAI का बड़ा कदम… नहीं देना होगा ‘आधार’, वर्चुअल आईडी से होगा सारा काम
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आधार कार्ड जारी किए जाने के बाद से ही लोगों में कई तरह के संशय मौजूद हैं। निजी जानकारी के सार्वजनिक होने का खतरा ज्यातर लोगों के मन में घर किया हुआ है। इसका तोड़ निकालते हुए यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने आधार डेटा की सुरक्षा का दावा किया। इसके लिए UIDAI ने वर्चुअल आईडी के नए सिस्टम का एलान किया।
खबरों के मुताबिक़ इसे कोई भी आधार होल्डर UIDAI की वेबसाइट से जनरेट कर सकता है। 16 डिजिट की वर्चुअल आईडी का इस्तेमाल ऑप्शन के तौर पर सिम वेरिफिकेशन समेत कई स्कीम में केवाईसी के लिए होगा।
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यानी कि अगर कोई यूजर वेरिफिकेशन के लिए अपना 12 अंक का आधार नंबर नहीं बताना चाहता है तो वर्चुअल आईडी दी जा सकती है। सभी एजेंसियां 1 जून से इसी आईडी के जरिए वेरिफिकेशन करेंगी।
UIDAI की नई व्यवस्था शुरू होने के बाद यूजर्स को वेरिफिकेशन के लिए अपना आधार नंबर सर्विस प्रोवाइडर से शेयर नहीं करना पड़ेगा। इसकी जगह वर्चुअल आईडी से भी काम चल जाएगा।
1 जून, 2018 से सभी एजेंसियों के लिए यह जरूरी होगा कि वे वर्चुअल आईडी से भी यूजर्स का वेरिफिकेशन करें। इसे स्वीकार नहीं करने पर एजेंसियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
दूसरी ओर, सरकार केवाईसी के लिए आधार के इस्तेमाल को भी सीमित करेगी। अभी कई एजेंसियों के पास आपकी डिटेल पहुंच जाती है और वो उसे अपने पास रखते हैं।
जब केवाईसी के लिए आधार का जरूरत ही कम हो जाएगी, तो ऐसी एजेंसियों की संख्या भी घट जाएगी, जिनके पास आपकी डिटेल होगी।
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बता दें 16 डिजिट की वर्चुअल आईडी आधार से मैप होगी। इसे UIDAI की वेबसाइट से जनरेट किया जा सकेगा। जरूरत के मुताबिक, आधार होल्डर इसे कई बार जनरेट कर सकते हैं। नई वर्चुअल आईडी जनरेट होने पर पुरानी अपने आप कैंसल हो जाएगी।
वर्चुअल आईडी कम्प्यूटर द्वारा बनाया गया नंबर होगा, जो जरूरत पड़ने पर तत्काल जारी किया जाएगा। इसे 1 मार्च से जनरेट किया जा सकेगा।
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