भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में सुधा भारद्वाज को जेल से मिली सशर्त रिहाई, कोर्ट ने खारिज की NIA की याचिका
बुधवार को भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में तीन साल से जेल में बंद अधिवक्ता-कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को कोर्ट ने जमानत दे दी है। उन्हें 50 हजार के निजी मुचलके पर जेल से रिहा कर दिया जाएगा। सुधा भारद्वाज के वकील ने उनकी रिहाई के आदेश तुरंत जारी करने की अपील करी है। कोर्ट के मुताबिक जरूरी सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें रिहा कर दिया जाएगा। अगस्त 2018 में सुधा भारद्वाज को एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार किया गया था। तभी से वह भायखला जेल में बंद हैं।
NIA स्पेशल कोर्ट ने सुधा भारद्वाज को सशर्त रिहाई दे दी है। कोर्ट की तरफ से तय की गई शर्तों के मुताबिक सुधा को मुम्बई में ही रहना होगा इसके साथ ही ट्रायल की तारीखों पर कोर्ट में हाजिर भी होना पड़ेगा। वह मीडिया से भी केस से जुड़ी कोई बात नहीं कर सकती हैं। वहीं उनके देश छोड़कर जाने पर भी पाबंदी है।
एनआईए की याचिका खारिज
सुधा भारद्वाज की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए बांबे हाईकोर्ट ने एक दिसंबर को उन्हें रिहा कर देने का आदेश दिया था। कोर्ट ने एनआईए स्पेशल कोर्ट को उनकी रिहाई की शर्तें व तारीख तय करने का आदेश दिया था, जिसके बाद आज उन्हें जमानत और रिहाई मिल गई है।
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