विश्वविद्यालय के अंग्रेजी व्यवहार से लड़ने के लिए दलित छात्र ने अपनाया बापू का Concept

रिपोर्ट- नीरज श्रीवास्तव

लखनऊ। बाबा भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में एक तरफ तो दलित छात्र रोहित को हॉस्टल में रूम न मिलने का मामला तूल पकड़ते जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ उसका सामूहिक धरना प्रदर्शन अब खतरे में है।

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आपको बता दें इन दिनों विवि में देर सबेर भयानक जहरीले सांप निकल रहे हैं। जिससे तम्बू में रात – रात रोहित को शिक्षा गृहण करना उनकी जान का खतरा बढ़ गया है।  छात्रों का कहना है कि हम भी विवि की अनुशासनहीनता की करवाई के चलते उसकी कोई मदद नहीं कर पा रहे हैं उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी कुछ और कहा भी नहीं जा सकता हैं कि उसे हॉस्टल में रूम मिल भी पायेगा या नहीं।

सहयोगी छात्रों ने बताया कि अभी दो दिन पहले ही सिद्धार्था हॉस्टल के पास ब्लैक कोबरा सांप निकला था और उसके एक बाद कई और सांप देखे गए है। जिनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुयी थी। ऐसे में बडा सवाल यह उठता है कि यदि रोहित के साथ विवि परिसर में घूम रहे इन भयानक जहरीले साँपों ने कोई अन्याय कर दिया, तो उसका ज़िम्मेदार कौन होगा?

वही दलित छात्रों का कहना है कि छात्र रोहित को लॉन में तंबू में रहने से साँपों से अधिक खतरा है। क्योंकि विवि में प्रतिदिन हॉस्टल से लेकर पुस्तकालय रुम तक आए दिन साँप निकलते रहते है। विवि में लगभग दो महीनों से अजगर से लेकर छोटे बड़े जहरीले कई दर्जन साँप निकल चुके हैं। उनका कहना है कि अगर रोहित को कोई छात्र अपने कमरे रखता है तो स्कूल प्रसाशन उस छात्र से एक हजार रुपये तक का जुर्माना और अनुशासनहीनता में एफआईआर और बाद में विवि के बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता हैं। इसीलिए कोई छात्र रोहित की मदद करने की हिम्मत नहीं कर पा रहा है।

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रोहित ने कहा कि न मरा हूं न मरुंगा, लडूंगा और जीतूंगा भी! उसने कहा कि मैं बाबा भीमराव अम्बेकर विवि का एमए प्रथम वर्ष का छात्र हूँ 25 सितम्बर 2018 से शाम आज 11 दिन हो गए हैं लेकिन विवि के जातिगत भेदभाव के चलते आज तक मुझे कमरा नहीं दिया गया है। इसी लिए कैंपस मे बने हास्टल के सामने पार्क में ही तंबू लगाकर रहने को मजबूर हूं।

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