
नई दिल्ली। भारत सरकार के नोटबंदी जैसे नीतिगत उपायों से संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट्स (एसटीआर) में भारी इजाफा हुआ है। यह बात वैश्विक बाजार की खुफिया अनुसंधान व परामर्शदात्री कंपनी बीआईएस रिसर्च ने सोमवार को कही।
बीआईएस रिसर्च ने कहा, “हमारी अपनी हालिया रिपोर्ट ‘वैश्विक धनशोधन रोधी (एएमएल) सॉफ्टवेयर मार्केट-एनालाइसिस एंड फोरकास्ट (2017-2023)’ के अनुसार नोटबंदी और कर अधिकारियों की निगरानी बढ़ने से एसटीआर वित्तवर्ष 2011 के 20,000 से बढ़कर 2016 में 1,00,000 और 2017 में तकरीबन 5,00,00 पहुंच गई हैं।”
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रिसर्च कंपनी के मुताबिक, वर्ष 2018 में यह संख्या बढ़कर 10,46,283 हो सकती है। अनुसंधानकर्ता ने देश में मौजूद धनशोधन रोधी मानकों के अनुपालन की जरूरत पर ज्यादा जोर दिया गया।
अध्ययन के मुताबिक, 2023 तक वैश्विक धन शोधन सॉफ्टवेयर बाजार का आकार बढ़कर 1.4 अरब डॉलर हो जाएगा।
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कंपनी ने एक बयान में कहा, “संदेहास्पद लेन-देन पर निगरानी की बढ़ती जरूरतों व अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के नियमों के अनुपालन के मद्देनजर इसमें (वैश्विक धन शोधन सॉफ्टवेयर बाजार) बढ़ोतरी की उम्मीद की जाती है।
रिपोर्ट से भारत में भारी पैमाने पर संदेहास्पद लेन-देन में वृद्धि होने के संकेत मिल रहे हैं, जबकि इसमें 2016-17 में चार गुना इजाफा हुआ है।”