खुलासाः प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 10.11 करोड़ की संपत्ति जब्त

बैंक फ्रॉडदेहरादून । सूबे का राजधानी में कुछ शातिरों ने एफडी देकर (बैंक फ्रॉड)  किया। उत्तराखंड ग्रामीण बैंक, बालावाला में फ्रॉड करने वालों ने फर्जी खाता खोलने के एवज में बैंक को पांच करोड़ की एफडी दी और फिर हरियाणा सरकार के चार फर्जी चेक के माध्यम से 7.80 करोड़ रुपये निकाल कर कई बैंकों में ट्रांसफर कर इस फर्जी तरीके से किये कार्य को अंजाम दिया। शनिवार को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बैंक फ्रॉड के मामले में राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में जमीन, प्लॉट और घनी अबादी वाले इलाकों में मौजूद 10.11 करोड़ की संपत्ति को अपने कब्जे में ले लिया।

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इस संपत्ति से एसबीआई के 13 बैंक चैकों के माध्यम से उत्तराखंड ग्रामीण बैंक बालावाला, देहरादून, एसबीआई लुधियाना और रत्नाकर बैंक जयपुर में फर्जी तरीके से खाता खोलकर फ्रॉड किया गया। ईडी के सहायक निदेशक पीके चौधरी ने बताया कि बैंक फ्रॉड करने वाले एसबीआई पंचकूला के प्रबंधक नरेश कुमार, फतेहाबाद, हरियाणा निवासी अशोक बिरमानी, शिल्पा बिरमानी, जयपुर निवासी सुनील कुमार, पंजाब निवासी गुरप्रीत सिंह और हरियाणा निवासी जनरैल सिंह की संपत्ति जब्त की। उन्होंने बताया कि बाकी संपत्ति का पता लगाने की प्रक्रिया चल रही है।

हरियाणा सरकार को लगाया चूनाउत्तराखंड ग्रामीण बैंक, बालावाला में खोले गए फर्जी खाते से मुख्य अभियंता जन स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा को 12.80 करोड़ का चूना लगाया गया। इस रकम के सभी चार फर्जी चेक एसबीआई पंचकूला स्थित सरकारी खाते के थे। पंचकूला शाखा से ही ये चेक क्लीयर हुए। जिसमें 7.80 करोड़ रुपये दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दिए गए। जबकि पांच करोड़ की एफडी बालावाला उत्तराखंड ग्रामीण बैंक में खोली गई।

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