
समाजवादी पार्टी (SP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण भूमि कब्जे मामले में जमानत दे दी है। यह फैसला 10 सितंबर 2025 को सुनाया गया, जो रामपुर की MP/MLA विशेष अदालत द्वारा दी गई 10 साल की सजा के खिलाफ अपील पर आया।

हालांकि, आजम खान अभी जेल में ही रहेंगे, क्योंकि उनके खिलाफ अन्य कई मामले लंबित हैं। हाईकोर्ट ने जमानत की शर्तें लगाई हैं, जिसमें पेशी पर हाजिर होना और मुकदमे में सहयोग करना शामिल है।
पूरा मामला: क्या है विवाद?
यह मामला रामपुर जिले के क्वालिटी बार की जमीन पर अवैध कब्जे से जुड़ा है। 2019 में दर्ज FIR के अनुसार, आजम खान पर आरोप था कि उन्होंने अपनी राजनीतिक ताकत का दुरुपयोग कर सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया और इसे अपनी संपत्ति के रूप में इस्तेमाल किया। रामपुर की MP/MLA विशेष अदालत ने 2024 में सुनवाई के बाद आजम खान को दोषी ठहराया और 10 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने इसे IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी) और अन्य धाराओं के तहत अपराध माना।
आजम खान के वकीलों ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर कहा कि यह राजनीतिक साजिश है और सबूत कमजोर हैं। उन्होंने दावा किया कि मामला पुराना है और गवाहों के बयान विश्वसनीय नहीं। दूसरी ओर, यूपी सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने विरोध किया, आजम के आपराधिक इतिहास (कुल 80+ मामले) का हवाला देते हुए कहा कि जमानत से ट्रायल प्रभावित होगा। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमानत मंजूर की, लेकिन सजा पर रोक नहीं लगाई—यह सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज हो सकती है।
आजम खान का आपराधिक इतिहास और अन्य मामले
आजम खान पर 2017 के बाद से दर्जनों मामले दर्ज हैं, जिनमें जमीन कब्जा, वक्फ संपत्ति हड़पना, फर्जी दस्तावेज, और यहां तक कि पशु चोरी जैसे आरोप शामिल हैं। कुछ प्रमुख मामले:
- डूंगरपुर टाउनशिप मामला: 2016 में मकान कब्जा और बुलडोजर से ढहाने का केस; हाईकोर्ट ने 2024 में जमानत याचिका खारिज की।
- शत्रु संपत्ति मामला: 2022 में जमानत मिली, लेकिन अन्य केसों के कारण जेल में रहे।
- सफाई मशीन चोरी: रामपुर नगर पालिका की मशीन चोरी का आरोप; 2024 में जमानत खारिज।
- दोहरी जन्म प्रमाण पत्र: बेटे अब्दुल्ला आजम से जुड़ा; 2024 में 7 साल सजा, जमानत लंबित।
कुल मिलाकर, आजम 2020 से जेल में हैं। उनके बेटे अब्दुल्ला और पत्नी तंजीन फातिमा को कई मामलों में जमानत मिल चुकी है, लेकिन परिवार पर राजनीतिक दबाव का आरोप लगता रहा है। SP ने इसे ‘बीजेपी की साजिश’ बताया है।
राजनीतिक प्रभाव
यह जमानत आजम खान की रिहाई का रास्ता खोल सकती है, लेकिन अन्य लंबित मामलों (जैसे 12 FIR वाले जबरदस्ती बेदखली केस में जून 2025 में राहत मिली) के कारण मुश्किल है। 2027 यूपी चुनावों से पहले SP के लिए यह राहत महत्वपूर्ण है, जहां आजम रामपुर से प्रभावशाली हैं। सुप्रीम कोर्ट में अपील संभव है।