2013 के बलात्कार मामले में आसाराम को मेडिकल आधार पर सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत

यह अंतरिम जमानत 2013 के बलात्कार मामले से संबंधित है जिसमें आसाराम को अपने ही गुरुकुल की छात्रा के यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के बलात्कार मामले में मेडिकल आधार पर आसाराम को अंतरिम जमानत दे दी है। यह फैसला उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर विचार करने के बाद लिया गया, जिसके लिए कोर्ट ने तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता बताई। शीर्ष अदालत ने आसाराम को उनके हृदय रोग के इलाज के लिए शर्तों के साथ जमानत दी। वर्तमान में, उनका भगत की कोठी में आरोग्य चिकित्सा केंद्र में इलाज चल रहा है, जहां उन्हें जोधपुर सेंट्रल जेल से स्थानांतरित किया गया था।

उनके वकील के अनुसार, आसाराम दिल के मरीज हैं और उन्हें पहले भी दिल का दौरा पड़ चुका है। अंतरिम राहत देते समय अदालत ने उनके बिगड़ते स्वास्थ्य को ध्यान में रखा। अदालत ने इस बात पर ज़ोर दिया कि ज़मानत सिर्फ़ इलाज के लिए है और इससे उनकी सज़ा या आजीवन कारावास पर कोई असर नहीं पड़ता। अदालत ने आसाराम के इलाज के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती का भी निर्देश दिया।

आसाराम के खिलाफ बलात्कार का मामला

यहां यह बताना जरूरी है कि आसाराम को अगस्त 2013 में बलात्कार के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। तब से वह इंदौर में गिरफ्तार होने के बाद से हिरासत में है और उस साल अपने आश्रम में एक किशोरी से बलात्कार करने के आरोप में जोधपुर लाया गया था। लड़की ने बताया था कि उसे जोधपुर के पास अपने आश्रम में बुलाया गया था और 15 अगस्त 2013 की रात को उसके साथ बलात्कार किया गया था। 2018 में, आसाराम को जोधपुर की एक विशेष अदालत ने बलात्कार सहित यौन उत्पीड़न जैसे अपराधों के लिए दोषी पाया और उसे अपना बाकी जीवन जेल में बिताने की सजा सुनाई।

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