आंध्र सरकार वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध: चंद्रबाबू नायडू

विजयवाड़ा में आयोजित इफ्तार पार्टी में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा, वंचित मुसलमानों के उत्थान तथा विभिन्न पहलों के माध्यम से अल्पसंख्यक कल्याण के समर्थन की टीडीपी की विरासत को जारी रखने के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को विजयवाड़ा में राज्य सरकार द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और वंचित मुस्लिम परिवारों के उत्थान के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

रमज़ान की शुभकामनाएँ देते हुए नायडू ने मुस्लिम समुदाय को भरोसा दिलाया कि तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सरकार ने हमेशा वक्फ संपत्तियों की रक्षा की है और आगे भी करती रहेगी। उन्होंने सरकारी आदेश जीओ 43 से जुड़े विवाद को संबोधित किया, जिसने पहले कानूनी विवादों के कारण वक्फ बोर्ड को निष्क्रिय कर दिया था।

नायडू ने कहा, “जब जीओ 43 पेश किया गया, तो अनावश्यक विवाद पैदा हो गया। जब मामला अदालतों में पहुंचा, तो वक्फ बोर्ड के कामकाज में बाधा उत्पन्न हुई। जैसे ही हमारी सरकार ने कार्यभार संभाला, हमने आदेश को रद्द कर दिया और वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए बोर्ड का पुनर्गठन किया।”

मुख्यमंत्री ने मुसलमानों की आर्थिक बेहतरी के लिए अपने प्रशासन के प्रयासों पर भी जोर दिया तथा बजटीय आवंटन और कल्याणकारी पहलों पर प्रकाश डाला।

नायडू ने कहा, “टीडीपी के कार्यकाल में मुस्लिम समुदाय के साथ न्याय हुआ है और अब एनडीए के शासन में उनकी स्थिति बेहतर होगी।”

उन्होंने आगे कहा कि उनकी सरकार ने अल्पसंख्यक समुदायों के उत्थान के लिए 2025-26 के बजट में 5,300 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में उन्हें समर्थन देने के प्रशासन के संकल्प की पुष्टि करता है।

नायडू ने पूर्व मुख्यमंत्री एनटी रामाराव की पहल का हवाला देते हुए मुस्लिम कल्याण कार्यक्रमों के साथ टीडीपी के ऐतिहासिक जुड़ाव को रेखांकित किया।

नायडू ने कहा, “अल्पसंख्यक वित्त निगम की स्थापना एन.टी. रामाराव ने की थी, जिन्होंने मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं भी लागू की थीं।”

उन्होंने यह भी बताया कि टीडीपी कार्यकाल के दौरान हैदराबाद में हज हाउस का निर्माण किया गया था और अमरावती में एक अन्य हज हाउस की आधारशिला रखी गई थी, जिसे बाद में पिछली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार की लापरवाही के कारण रोक दिया गया था।

नायडू ने मुस्लिम धार्मिक नेताओं के मानदेय में भी वृद्धि की घोषणा की और कहा कि इमामों को अब 10,000 रुपये मिलेंगे, जबकि मौज़ानों को 5,000 रुपये दिए जाएंगे।

इस कार्यक्रम में कानून एवं न्याय तथा अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री एन मोहम्मद फारूक, खान एवं भूविज्ञान मंत्री कोल्लू रविन्द्र तथा गुंटूर पूर्व के विधायक मोहम्मद नसीर अहमद सहित प्रमुख नेता शामिल हुए।

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