लोकसभा में अमित शाह का खुलासा: पहलगाम हमले के आतंकी क्यों नहीं भाग पाए, कैसे हुई पहचान, ऑपरेशन महादेव की पूरी कहानी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा के दौरान विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार तीनों आतंकियों को ऑपरेशन महादेव में ढेर कर दिया गया। शाह ने आतंकियों के भागने से रोकने और उनकी पहचान की प्रक्रिया का पूरा ब्योरा सदन में पेश किया।

शाह ने बताया कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे, के बाद उसी रात एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई गई। हमला दोपहर 1 बजे हुआ और शाह स्वयं शाम 5:30 बजे श्रीनगर पहुंच गए। 23 अप्रैल को हुई बैठक में सेना, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में फैसला लिया गया कि आतंकियों को पाकिस्तान भागने से रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं। शाह ने कहा कि इस रणनीति के तहत आतंकियों को देश छोड़कर भागने का मौका नहीं दिया गया।

ऑपरेशन महादेव की शुरुआत 22 मई 2025 को हुई, जब खुफिया एजेंसी (आईबी) को दाचिगाम क्षेत्र में आतंकियों के छिपे होने की मानवीय सूचना मिली। इसके बाद सेना और आईबी ने अल्ट्रा सिग्नल कैप्चर उपकरणों का इस्तेमाल कर आतंकियों की तलाश शुरू की। 22 मई से 22 जुलाई तक ठंड और ऊंचाई वाले इलाकों में सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लगातार सिग्नल ट्रैक किए। 22 जुलाई को सेंसर के जरिए आतंकियों के जंगल में छिपे होने की पुष्टि हुई। इसके बाद चार पैरा (सैन्य टुकड़ी) के नेतृत्व में संयुक्त ऑपरेशन शुरू हुआ। 28 जुलाई को ऑपरेशन महादेव में तीनों आतंकियों—सुलेमान उर्फ फैजल जाट, अफगान और जिबरान—को मार गिराया गया। शाह ने बताया कि सुलेमान लश्कर-ए-तैयबा का ए-श्रेणी कमांडर था, जो पहले गगनगीर हमले में भी शामिल था, जबकि अफगान और जिबरान भी लश्कर के ए-ग्रेड आतंकी थे।

आतंकियों की पहचान की प्रक्रिया पर शाह ने विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि एनआईए ने पहले ही उन लोगों को हिरासत में ले लिया था, जो आतंकियों को खाना और पनाह दे रहे थे। जब मारे गए आतंकियों के शव श्रीनगर लाए गए, तो चार लोगों ने उनकी पहचान की और पुष्टि की कि ये वही आतंकी थे, जिन्होंने पहलगाम हमले को अंजाम दिया। इसके अलावा, पहलगाम हमले के स्थल से मिले कारतूसों की चंडीगढ़ सेंट्रल एफएसएल में बैलिस्टिक जांच पहले ही कर ली गई थी। मारे गए आतंकियों से बरामद हथियारों—एक अमेरिकी एम9 राइफल और दो एके-47 राइफल—के कारतूसों का मिलान किया गया। इन हथियारों को विशेष विमान से चंडीगढ़ भेजा गया, जहां रातभर फायरिंग कर खाली खोखों का मिलान किया गया। बैलिस्टिक जांच से यह पुष्ट हुआ कि पहलगाम हमले में इन्हीं राइफलों का इस्तेमाल हुआ था। शाह ने कहा कि इन पुख्ता सबूतों से साफ हो गया कि मारे गए आतंकी ही पहलगाम हमले के दोषी थे।

शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग आतंकियों के मारे जाने की खबर से खुश नहीं हैं। उन्होंने पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम के बयान पर तंज कसते हुए पूछा कि वे पाकिस्तान को क्लीन चिट देकर क्या हासिल करना चाहते हैं। शाह ने जोर देकर कहा कि आतंकियों के पास से पाकिस्तानी चॉकलेट और वोटर आईडी बरामद हुए, जो उनके पाकिस्तानी होने का सबूत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत आतंकवाद को मिट्टी में मिला देगा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं होगा।

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