ड्रैगन की फुंकार पर गरम हुआ अमेरिका, दो टूक में कर दिया वारा-न्यारा

मनीला। साउथ चाइना सी पर चीन की बढ़ती कब्जेदारी को लेकर अमेरिका ने धाकड़ जवाब दिया। अमेरिका के इस जवाब ने चीनियों की बोलती बंद कर दी है। दरअसल इस विवादित क्षेत्र पर चीन हमेशा से अपनी दावेदारी बताता चला आ रहा है। जबकि साउथ चाइना सी का करीब 35 लाख स्क्वेयर किमी एरिया विवादित है। इस पर चीन, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ताइवान और ब्रुनेई अपना-अपना दावा करते रहे हैं। लेकिन इस क्षेत्र को लेकर चीन और अमेरिका में ठनी रहती है।

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साउथ चाइना सी

खबरों के मुताबिक़ अमेरिकी नेवी के एक अफसर कमांडर टिम हॉकिन्स ने कहा कि अमेरिका साउथ चाइना सी के हर इस क्षेत्र में तैनात रहेगा जहां अंतर्राष्ट्रीय नियमों के तहत उसे इसकी अनुमति देते हैं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका कभी भी इस क्षेत्र पर अपनी दावेदारी नहीं करता, लेकिन क्षेत्र में नेविगेशन (समुद्र में आने-जाने) की आजादी का समर्थन करता है।”

बता दें इस समुद्र से हर साल 5 लाख करोड़ यूएस डॉलर से ज्यादा का ट्रेड होता है। यहां तेल और गैस के बड़े भंडार हैं।

अमेरिका के मुताबिक इस इलाके में 213 अरब बैरल तेल और 900 ट्रिलियन क्यूबिक फीट नैचुरल गैस के भंडार है।

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वियतनाम इस इलाके में भारत को तेल खोजने की कोशिशों में शामिल होने का न्यौता दे चुका है।

वहीं चीन ने 2013 के आखिर में एक बड़ा प्रोजेक्ट चलाकर पानी में डूबे रीफ एरिया को आर्टिफिशियल आइलैंड में बदल दिया था।

इसी कारण से चीन साउथ चाइना सी पर अपना अधिकार बताता रहा है। चीन अमेरिका पर इस क्षेत्र में अवैध रूप से घुसने के आरोप भी लगा चुका है। इसी के चलते हाल ही में उसने सुरक्षा का हवाला देते हुए SU-35 फाइटर जेट्स तैनात किए थे।

यूएसएस कार्ल विनसन पर तैनात लेफ्टिनेंट कमांडर टिम हॉकिन्स ने कहा, “अमेरिकी नेवी पिछले 70 सालों से एशिया और अमेरिकी अर्थव्यवस्थाओं के बीच बेरोकटोक व्यापार और सिक्युरिटी के लिए साउथ चाइना सी में गश्त कर रही है।

अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत हमें यहां से आर्मी को ऑपरेट करने, उड़ान भरने, ट्रेनिंग करने और पैट्रोलिंग करने का अधिकार है और हम ये जारी रखेंगे।”

कार्ल विनसन इस वक्त फिलीपींस के मनीला में तैनात है। 95 हजार टन के इस अमेरिकी वॉरशिप पर इस वक्त 72 अलग-अलग एयरक्राफ्ट्स तैनात हैं। इनमें F-18 फाइटर जेट्स, सर्विलांस एयरक्राफ्ट्स और हेलिकॉप्टर्स भी शामिल हैं।

हॉकिन्स के मुताबिक, ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन की नई सुरक्षा नीति के तहत अमेरिका इंडो-पेसिफिक क्षेत्र में तैनात रहेगा।

ख़ास यह है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद से ही चीन और अमेरिका के बीच साउथ चाइना सी को लेकर तनातनी का माहौल है।

वहीं राष्ट्रपति के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान बराक ओबामा भी साउथ चाइना सी पर चीन के बढ़ते कब्जे को लेकर विरोध जता चुके हैं।

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