प्रतिबंध से तिलमिलाया ‘किम’, कहा- सुरक्षित रहना है तो शत्रुतापूर्ण नीति का त्याग करे अमेरिका
मास्को। उत्तर कोरिया लगातार मिसाइल का परिक्षण किये जा रहा है। इसके चलते पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया सहित अमेरिका, जापान और चीन भी एक मंच पर आकर इसका विरोध कर रहे हैं। खासतौर से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और तानाशाह किम जोंग के बीच कई दिनों से जुबानी जंग चल रही।
लेकिन अब उत्तर कोरिया की तरफ से एक बयान आया है। इसमें अमेरिका को भ्रम खत्म करने की बात कही जा रही है।
दरअसल, उत्तर कोरिया ने कहा है कि अमेरिका का यह सोचना भ्रम है कि वह परमाणु हथियार छोड़ देगा। उसने देश को निशाना बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के ताजा प्रतिबंधों को ‘युद्ध समान कृत्य’ बताते हुए कहा कि यह उसकी संप्रभुता का उल्लंघन करता है।
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बता दें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से उत्तर कोरिया के खिलाफ नए कठोर प्रतिबंधों को मंजूरी दी थी। ये प्रतिबंध उत्तर कोरिया के हाल में एक बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण करने के मद्देनजर लगाए गए।
इस मिसाइल के बारे में प्योंगयांग का कहना है कि यह अमेरिका में कहीं भी पहुंच सकता है। इस प्रस्ताव को अमेरिका ने तैयार किया था और उत्तर कोरिया के करीबी सहयोगी चीन के साथ बातचीत की थी।
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हम अमेरिका और उसके अनुयायियों के प्रतिबंध प्रस्ताव को हमारे गणराज्य की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन मानते हैं। हम इस प्रस्ताव को साफ तौर पर खारिज करते हैं’।
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उत्तर कोरिया की न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया, ‘अगर अमेरिका सुरक्षित रहना चाहता है तो उसे डीपीआरके (उत्तर कोरिया) के प्रति शत्रुतापूर्ण नीति का हर हाल में त्याग करना चाहिए और देश के साथ रहना सीखना चाहिए।
उसे इस भ्रम से बाहर आ जाना चाहिए कि हम अपना परमाणु हथियार छोड़ देंगे, क्योंकि उसे हमने बहुत कठिनाइयों के बावजूद विकसित किया है। साथ ही मंत्रालय ने कहा कि उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध पूर्ण आर्थिक नाकेबंदी के समान है।
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