‘यौन अपराध से पीड़ित बच्चों के लिए कानून में संशोधन जल्द’

नई दिल्ली। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय यौन अपराध से पीड़ित बच्चों के लिए कानून में संशोधन करने की दिशा में काम कर रहा है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। महिला एवं बाल विकास सचिव राकेश श्रीवास्तव ने कहा, “बाल यौन अपराध संरक्षण(पोक्सो) अधिनियम ने लैंगिक तटस्थ कानूनों को हमेशा विकसित किया है। हम यौन उत्पीड़न से पीड़ित बच्चों के लिए कानून में संशोधन लाने की तैयारी कर रहे हैं और इसे जल्द ही अधिनियम में शामिल किया जाएगा।”

यौन अपराध

महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने हाल ही में फिल्म निर्माता और सामाजिक कार्यकर्ता इंसिया दरीवाला की अगुवाई वाली ‘चेंज डॉट आर्ग’ की एक याचिका का समर्थन किया था, जो कहता है कि ‘भारत में यौन अपराध से पीड़ित बच्चों की अनदेखी एक वास्तविकता है।’ इस पहल के कुछ दिन बाद ही मेनका गांधी ने इसके लिए कानून में संशोधन करने का निर्णय लिया है।

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मेनका ने चेंज डॉट ऑर्ग को लिखे पत्र में कहा, “बच्चों के विरुद्ध किसी भी प्रकार की यौन हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सभी अपराधियों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। मेरे मंत्रालय ने बाल सुरक्षा को लेकर विभिन्न तरह की समस्याओं को सुलझाने के लिए कदम उठाए हैं। बाल यौन शोषण का एक और उपेक्षित क्षेत्र इससे पीड़ित बच्चे(मेल सर्वाइवर) हैं।”

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उन्होंने कहा, “बच्चों के साथ यौन शोषण लैंगिक रूप से तटस्थ मामला है। यौन उत्पीड़न से पीड़ित बच्चे पूरी जिंदगी इससे जुड़े कलंक की वजह से चुप्पी के साथ बिताते हैं। यह काफी गंभीर मसला है और इसे सुलझाने की जरूरत है।”

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