
दिलीप कुमार
बिहार में बेतिया थाने में आगजनी का मामला सामने आया है। इस आगजनी में एक पुलिस वाले की मौत हो गई। यह घटना पश्चिमी चंपारण में बेतिया के तहत आने वाले एक थाने में भीड़ ने आग लगा दी। मामला शनिवार का है, जब एक ओर कुछ लोग होली का जश्न मना रहे थे, जबकि वहीं दूसरी ओर वह थाना घंटों जलता रहा। घटना के दौरान एक पुलिस वाले की मौत भी हो गई।

आपको बता दें कि यह पूरा हंगामा उस शख्स की मौत के बाद खड़ा हुआ, जो वहां के पुलिस थाने में कस्टडी में रखा गया था। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक बलथर थाने में पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जिसके बाद आक्रोशित भीड़ ने थाने को आग के हवाले कर दिया।
घटना के बाद आसपास के इलाके में अफरा-तफरी का माहौल था। पुलिस ने इस घटना की पुष्टि भी की। बेतिया के एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने पत्रकारों को बताया कि भीड़ ने तीन पुलिस वाहनों को अपना निशाना बनाया और उनमें तोड़-फोड़ की। पूरी घटना में एक पुलिस वाले की जान भी चली गई। वर्मा के मुताबिक, पुलिस हिरासत में मधुमक्खी के डंक से एक शख्स की मौत हो गई, जिसके बाद यह पूरा हंगामा हुआ।
इस बीच, विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि थाना को आग के हवाले किए जाने के दौरान भीड़ ने पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस आपाधापी में 10 से ज्यादा जवानों के जख्मी हो गए हैं। ग्रामीणों के द्वारा किए जा रहे बवाल को रोकने गए विधायक को भी चोटें आईं है। गौरतलब है कि घटना के तीन घंटे बाद तक अफसर मौके पर नहीं पहुंचे।
बताया गया कि पुलिस टीम जब घटनास्थल पर पहुंची थी, तो गुस्साई भीड़ ने फिर से पथराव करना शुरू कर दिया था । हालांकि, लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को मजबूरन लाठियां भांजते हुए हवाई फायरिंग करनी पड़ी। जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने लगभग छह घंटे के बाद आक्रोशित भीड़ को नियंत्रित कर पाई।
जिस व्यक्ति की पुलिस कस्टडी में जान गई, उसे गश्ती के बीच डीजे बजाने को लेकर थाने उठा लाया गया था। परिजन का आरोप है कि पुलिस ने युवक को बट से पीटा, जिससे वह मर गया। यह भी बताया गया कि भीड़ ने थाने में तोड़फोड़ के बाद पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी थी।




