अब रीटा और कैटरीना से डरने की जरूरत नहीं, पीएम मोदी खींचने जा रहे ‘लक्ष्मन रेखा’
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विश्व समुदाय से आपदा जोखिम को कम करने के लिए एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत इस दिशा में बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए अन्य देशों के साथ काम करने को तैयार है।
मोदी ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण 2016 के लिए तीन दिवसीय मंत्रि स्तरीय एशियाई सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत किसी भी देश के साथ अपने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और संसाधनों को साझा करने के लिए तैयार है, ताकि विश्वभर में आपदाओं से निपटना जा सके।
उन्होंने आर्थिक विकास पर आपदाओं के प्रभाव के बारे में कहा, “हमें बड़ा सोचने और कुछ नया करने की जरूरत है।”
मोदी ने आपदा प्रबंधन कार्यो के लिए भागीदार देशों को प्रोत्साहित करने और महिलाओं को तैयार रहने के लिए कहा।
उन्होंने इंडिया गेट पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “आपदा प्रबंधन कार्यक्रमों में महिलाओं को प्रोत्साहित करें। हमारे पास आपदा प्रभावित महिलाओं की सहायता के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने इन आपदाओं से निपटने के लिए 10 सूत्री एजेंडे का जिक्र करते हुए कहा कि इन आपदाओं से प्रभावी रूप से निपटने के लिए विश्वविद्यालयों का नेटवर्क तैयार किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “आपदा जोखिम प्रबंधनों पर मिलकर काम करने के लिए विश्वविद्यालयों के नेटवर्क तैयार करें।”
मोदी ने कहा कि अभी देश में एक बेहद प्रभावशाली सुनामी चेतावनी प्रणाली कार्यरत है, जिससे समय रहते लोगों को इसकी चेतावनी दी जा रही है। तूफानी चक्रवात की आशंका से पहले ही उससे निपटने की हर तैयारी कर ली जाती है। इससे जान-माल का नुकसान कम करने में काफी मदद मिली है।