
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शहीद सूबेदार मेवा सिंह स्कूल ऑफ एमिनेंस में विद्यार्थियों से मुलाकात के दौरान शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदमों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य पंजाब के युवाओं को नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने में सक्षम बनाना है। इस दिशा में शुरू की गई शिक्षा क्रांति से युवा प्रतिस्पर्धी माहौल के लिए तैयार हो रहे हैं, ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा, “जैसे हवाई अड्डों पर रनवे विमानों को उड़ान भरने में मदद करता है, वैसे ही हमारी सरकार युवाओं को उनके लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए रास्ता तैयार कर रही है।” 2022 में शुरू हुई शिक्षा क्रांति के तहत 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस स्थापित किए जा रहे हैं, जिन पर अब तक 231.74 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। इन स्कूलों में मुफ्त यूनिफॉर्म, लड़कियों के लिए मुफ्त बस सेवा और सशस्त्र सेनाओं, नीट, जेईई, सीएलएटी, निफ्ट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विशेष कोचिंग की व्यवस्था की गई है। मान ने गर्व से बताया कि इन स्कूलों के 265 छात्रों ने जेईई मेन्स, 44 ने जेईई एडवांस और 848 ने नीट परीक्षा पास की है।
सीएम ने “स्कूल मेंटरशिप प्रोग्राम” का भी जिक्र किया, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी विद्यार्थियों को मार्गदर्शन दे रहे हैं। इसके अलावा, अभिभावक-शिक्षक बैठक (पीटीएम) में 25 लाख अभिभावकों की भागीदारी ने शिक्षा के प्रति जागरूकता को बढ़ाया है। पंजाब में 19,200 सरकारी स्कूल हैं, और सरकार का लक्ष्य सरकारी-निजी स्कूलों की खाई को मिटाकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है। मान ने इन स्कूलों को “आधुनिक युग के मंदिर” करार देते हुए कहा कि ये हजारों बच्चों का भविष्य संवारेंगे।