
मुंबई के एक व्यवसायी को लगभग 60 करोड़ रुपये के लोन और निवेश सौदे में धोखा देने के आरोप में घिरे राज कुंद्रा ने जांच एजेंसियों को बताया है कि 2016 में नोटबंदी लागू होने के बाद वह लोन चुकाने में सक्षम नहीं रह पाए।
अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति कुंद्रा पर 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला चल रहा है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, नोटबंदी के तहत 500 और 1000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगने से उनकी वित्तीय स्थिति बिगड़ गई।
14 अगस्त को इस जोड़े के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिसमें मुंबई के व्यवसायी दीपक कोठारी को अब बंद हो चुकी बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े लोन और निवेश सौदे में करीब 60 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप लगाया गया है। यह कंपनी एक होम शॉपिंग और ऑनलाइन रिटेल प्लेटफॉर्म थी, जिसमें शेट्टी और कुंद्रा निदेशक थे। कोठारी लोटस कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज के निदेशक भी हैं।
जांच की प्रगति
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) कोठारी की शिकायत पर जांच कर रही है। कोठारी का आरोप है कि 2015 से 2023 के बीच शेट्टी और कुंद्रा ने उन्हें दिए गए पैसे को व्यवसाय बढ़ाने के नाम पर अपने निजी खर्चों में उड़ा दिया। उन्होंने अप्रैल 2015 में शेयर सब्सक्रिप्शन समझौते के तहत 31.95 करोड़ रुपये और सितंबर 2015 में पूरक समझौते के तहत 28.53 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए थे। पूरी राशि बेस्ट डील टीवी के बैंक खातों में जमा हुई। तय ब्याज दर 12 प्रतिशत थी। बाद में, जोड़े ने कथित तौर पर राशि को ‘निवेश’ के रूप में मानने को कहा, जिसमें मासिक रिटर्न और मूलधन की वापसी का आश्वासन दिया गया।
कोठारी ने पाया कि कंपनी के खिलाफ दिवालियापन की कार्यवाही शुरू हो चुकी थी, क्योंकि एक अन्य निवेशक को भी धोखा दिया गया था। शेट्टी ने बेस्ट डील टीवी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया। कोठारी ने जोड़े पर पैसे का ‘बेईमानी से उपयोग’ करने का आरोप लगाया है और कहा कि उनकी बार-बार की वसूली की कोशिशें नाकाम रहीं। 2016 में नोटबंदी के बाद स्थिति और बिगड़ गई।
बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश
जांच के बीच बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को शेट्टी और कुंद्रा को निर्देश दिया कि यदि वे लॉस एंजिल्स (अमेरिका) या किसी अन्य विदेशी स्थान पर यात्रा करना चाहते हैं, तो 60 करोड़ रुपये जमा करें। कोर्ट ने यात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया और उनके खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) को स्थगित करने की मांग भी खारिज कर दी।
यह फैसला जोड़े की उस याचिका पर आया, जिसमें 60 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी से जुड़े एफआईआर के संबंध में एलओसी रद्द करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने मामले को 14 अक्टूबर तक स्थगित कर दिया, जैसा कि लाइव लॉ ने रिपोर्ट किया।