
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ ने भयानक तबाही मचा दी है। पिछले हफ्ते से हो रही भारी बारिश से 18 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 लापता हैं और सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 20 सितंबर तक भारी बारिश और बाढ़ की चेतावनी जारी की है। पिछले महीने की बाढ़ की तबाही से उबरने की कोशिश में जुटे लोग फिर संकट में फंस गए हैं।
उत्तराखंड में स्थिति
उत्तराखंड में रातोंरात हुई भारी बारिश ने 15 लोगों की जान ले ली, जबकि 16 लापता हैं। राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार, 900 से अधिक लोग विभिन्न स्थानों पर फंसे थे, जिन्हें NDRF, SDRF और फायर ब्रिगेड ने बचाया। देहरादून जिले पर सबसे ज्यादा असर पड़ा, जहां 13 मौतें हुईं। इनमें उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के 8 निवासी शामिल हैं, जिनकी ट्रैक्टर-ट्रॉली टोंस नदी में बह गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपये मुआवजा घोषित किया।
- देहरादून: साहस्रधारा क्षेत्र में बादल फटने से सड़कें बह गईं, घर-दुकानें क्षतिग्रस्त हुईं। पौंडा के देवभूमि इंस्टीट्यूट में 400-500 छात्र फंसे, जिन्हें SDRF ने बचाया।
- नैनीताल और पिथौरागढ़: प्रत्येक जिले में एक मौत।
- नदियां: गंगा और यमुना चेतावनी स्तर के करीब, तमसा नदी खतरे के निशान पर। सड़कें टूट गईं, पुल ढह गए।
IMD ने देहरादून, चंपावत और ऊधम सिंह नगर में 20 सितंबर तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
हिमाचल प्रदेश में स्थिति
हिमाचल में तीन लोगों की मौत हुई—मंडी जिले के ब्रागता गांव में भूस्खलन से एक परिवार का घर ढह गया। धरमपुर में फ्लैश फ्लड से बस स्टैंड डूब गया, दुकानदारों को करोड़ों का नुकसान। चार लोग लापता हैं।
- शिमला: हिमलैंड के पास भूस्खलन से कारें दब गईं, सर्कुलर रोड अवरुद्ध।
- अन्य जिले: जूबरहट्टी, कांगड़ा, भुंतर, मुरारी देवी, सुंदरनागर में तूफान और तेज हवाएं (37 किमी/घंटा)। बिलासपुर और कुफरी में हवा की रफ्तार तेज।
- कुल प्रभाव: 650 सड़कें (3 राष्ट्रीय राजमार्ग) बंद, 1,205 ट्रांसफॉर्मर बाधित, 160 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित। जून 20 से 236 मौतें हो चुकी हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए। BJP सांसद अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर निष्क्रियता का आरोप लगाया, “पीएम मोदी हिमाचल के लिए बहुत कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार की बेरुखी सवाल खड़ी कर रही है।”
बचाव कार्य और चेतावनी
NDRF, SDRF और स्थानीय टीमें बचाव में जुटी हैं। केंद्र सरकार ने हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के लिए इंटर-मिनिस्टीरियल सेंट्रल टीम (IMCT) गठित की है, जो नुकसान का आकलन करेगी। IMD ने ‘मिनी क्लाउडबर्स्ट’ की बढ़ती घटनाओं पर चेतावनी दी है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी यूपी में भी भारी बारिश का अलर्ट है।