आगरा के गिजोली गांव में मजाक से भड़का जातीय विवाद: दोस्तों की फोन कॉल पर हंसी-मजाक से शुरू हुआ झगड़ा, तीन दिन से तनाव; पुलिस तैनात, इतने गिरफ्तार

आगरा के गिजोली गांव में दो दोस्तों के बीच फोन पर हुई हंसी-मजाक ने जातीय तनाव को जन्म दे दिया। मामला दो अलग-अलग जातियों के बीच दो दिनों में फैल गया, जिससे अवैध हथियार लहराते वीडियो वायरल हो गए। तीन दिनों से गांव में दहशत का माहौल है, और प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस तैनात कर दी है। सोमवार रात को फिर अफवाहें फैलीं, लेकिन पुलिस ने स्थिति नियंत्रित रखी।

मामला 13 सितंबर की शाम का है। पल्हैड़ा गांव निवासी विकास (25) के भाई रोहित (जो गांव के अर्जुन के साथ बाहर नौकरी करता है) के दोस्त राजू और अर्जुन फोन पर बात कर रहे थे। हंसी-मजाक में गाली-गलौज शुरू हो गई। राजू ने फोन पास बैठे बलवीर को दे दिया। अर्जुन ने राजू को गाली दी, लेकिन बलवीर ने समझा कि वह उसे गाली दे रहा है। बलवीर ने जवाब दिया, तो अर्जुन ने रोहित को फोन दिया। दोनों में फोन पर कहासुनी हो गई। बलवीर रोहित के घर पहुंचा, जहां रामसेवक (रोहित का भाई) से झगड़ा हो गया। यह मारपीट में बदल गया।

14 सितंबर को विवाद फिर भड़का। रामसेवक गंभीर रूप से घायल हुए। बचाव में आए भूरी सिंह और सतेंद्र को रविवार सुबह खेत जाते वक्त घेरकर पीटा गया। दोनों अस्पताल में भर्ती हैं। अजीत का तमंचा लहराते वीडियो वायरल होने से मामला तूल पकड़ गया। पीड़ित पक्ष ने कहा कि दबंग आरोपी राजीनामा का दबाव बना रहे हैं।

पुलिस ने 13 सितंबर को राजकुमार की तहरीर पर लाखन, अजीत, ओमवीर और बलवीर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। 14 सितंबर को देवेंद्र की शिकायत पर गजेंद्र, हरेंद्र, हरीबाबू और हरीश के खिलाफ दूसरा केस। अजीत, ओमवीर और बलवीर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। बाकी की तलाश जारी है। आरोपी पक्ष का लाखन सिंह ने कहा कि रामसेवक ने बलवीर को गाली दी, इसलिए झगड़ा हुआ।

तीसरे दिन (सोमवार) भी तनाव बरकरार रहा। रात को अफवाह फैली कि एक पक्ष के चार-पांच लोग शौच जाते वक्त घेर लिए गए, फायरिंग हुई। थाना और सर्किल पुलिस पहुंची, लेकिन केवल गाली-गलौज निकला। एसीपी एत्मादपुर देवेश सिंह ने कहा, “कहासुनी हुई, फायरिंग या मारपीट की बात गलत है। एहतियातन पुलिस तैनात है।” सोशल मीडिया पर झूठी अफवाहें वायरल हुईं, जैसे लाठी-डंडों और फरसों से हमला।

थाना प्रभारी ने दोनों पक्षों को समझाया। ग्रामीणों ने गिरफ्तारी की मांग की, लेकिन आश्वासन पर शांत हुए। विवाद के कारण गांव में पुलिस पिकेट तैनात है।

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