
पिछले 24 घंटों में देश के 14 राज्यों में भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में स्थिति विशेष रूप से गंभीर बनी हुई है। नदियां और नाले उफान पर हैं, सड़कों के टूटने और भूस्खलन के कारण यातायात ठप हो गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, राजस्थान में अगले एक हफ्ते तक बारिश जारी रहने की संभावना है, जबकि उत्तर प्रदेश में मंगलवार से मानसून की सक्रियता कम हो सकती है। हालांकि, मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार, असम और ओडिशा में अगले पांच से सात दिनों तक भारी बारिश का अनुमान है।
उत्तराखंड में भारी बारिश का येलो अलर्ट
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में मंगलवार को भी भारी बारिश की आशंका है। मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ के कुछ हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। अन्य जिलों में भी बिजली चमकने और तेज गर्जन के साथ बारिश हो सकती है। 29 अगस्त तक मौसम का यही रुख बना रहने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश में मानसून की रफ्तार धीमी
उत्तर प्रदेश में बीते कुछ दिनों से मानसून की सक्रियता के कारण तराई और दक्षिणी इलाकों में मध्यम से भारी बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार से बादलों की सक्रियता कम होगी और अगले चार से पांच दिनों तक बारिश की गति धीमी रहेगी। सोमवार को पूर्वी और तराई के करीब 30 जिलों में बारिश दर्ज की गई, जिसमें प्रयागराज, सोनभद्र और मिर्जापुर में अच्छी बरसात हुई। हालांकि, बंगाल की खाड़ी में बन रहे नए मौसम सिस्टम के कारण 31 अगस्त के आसपास मानसून फिर सक्रिय हो सकता है।
लद्दाख में बिगड़े हालात, अति भारी बारिश की चेतावनी
लद्दाख में लगातार बारिश ने स्थिति को गंभीर कर दिया है। मौसम विज्ञान केंद्र, लेह ने अगले 24 घंटों के लिए भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। लेह, ज़ांस्कर, संकू-परकाचिक जैसे क्षेत्रों में मध्यम से तेज बारिश हो रही है, जबकि अन्य इलाकों में आसमान बादलों से ढका है। 26 अगस्त को हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश की आशंका है, लेकिन 27 से 30 अगस्त तक मौसम शुष्क रह सकता है।
हिमाचल में तबाही, मणिमहेश यात्रा रोकी गई
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण ऊना, चंबा, कुल्लू, मंडी, कांगड़ा, बिलासपुर, सोलन और हमीरपुर में स्कूल बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। रविवार और सोमवार को 47 पक्के और 98 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए। पंजाब के चार श्रद्धालुओं की मौत के बाद मणिमहेश यात्रा को अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया गया है। 2,000 से ज्यादा श्रद्धालु रास्ते में फंसे हैं, हालांकि सभी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कांगड़ा, बिलासपुर, कुल्लू, हमीरपुर, मंडी और सिरमौर में भारी बारिश हुई, जबकि नूरपुर में एक व्यक्ति की बहने से मौत हो गई। बारिश और भूस्खलन के कारण मंडी-कुल्लू, मंडी-पठानकोट और भरमौर-पठानकोट हाईवे समेत 793 सड़कें बंद हैं।
राजस्थान में भारी बारिश से हाहाकार
राजस्थान के अधिकांश जिलों में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर और झालावाड़ में हालात सबसे गंभीर हैं। हाड़ौती क्षेत्र में भारी बारिश के कारण कई गांव जलमग्न हो गए और कई जगहों का संपर्क टूट गया। राहत कार्यों के लिए सेना और वायुसेना को तैनात करना पड़ा। मानसून सीजन में अब तक बारिश से जुड़े हादसों में 91 लोगों की जान जा चुकी है।