लॉर्ड्स में भारत की हार: एजबेस्टन में जीत के बाद भारत क्यों हारा, ये हैं मुख्य कारण

लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड ने भारत को 22 रनों से हराकर पांच मैचों की सीरीज में 2-1 की बढ़त हासिल कर ली। 193 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम 170 रनों पर ढेर हो गई।

रवींद्र जडेजा ने नाबाद 61 रन बनाकर लगभग छह घंटे तक क्रीज पर डटकर बल्लेबाजी की और 181 गेंदों का सामना किया। उन्होंने निचले क्रम के बल्लेबाजों जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के साथ मिलकर जीत की उम्मीद जगाई, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। बुमराह ने 54 गेंदों और सिराज ने 30 गेंदों तक शानदार डिफेंस दिखाया, लेकिन अंततः इंग्लैंड ने रोमांचक जीत हासिल की। जहां निचले क्रम ने जज्बा दिखाया, वहीं मुख्य बल्लेबाजों ने निराश किया। आइए, भारत की हार के सात प्रमुख कारणों पर नजर डालते हैं।

1. यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल का फ्लॉप प्रदर्शन
एजबेस्टन टेस्ट में शानदार बल्लेबाजी करने वाले यशस्वी जायसवाल और कप्तान शुभमन गिल लॉर्ड्स में पूरी तरह नाकाम रहे। यशस्वी, जिन्हें भविष्य का सितारा माना जाता है, दोनों पारियों में खराब शॉट चयन के शिकार हुए। पहली पारी में उन्होंने आठ गेंदों पर 13 रन बनाए, लेकिन जोफ्रा आर्चर की गेंद पर स्लिप में कैच दे बैठे। दूसरी पारी में सात गेंदों पर खाता भी नहीं खोल सके और आर्चर की गेंद पर गैर-जिम्मेदाराना पुल शॉट खेलकर आउट हुए। वहीं, गिल ने सीरीज में 600 से ज्यादा रन बनाए, लेकिन इस टेस्ट में उनका बल्ला खामोश रहा। पहली पारी में 44 गेंदों पर 16 रन और दूसरी पारी में नौ गेंदों पर छह रन बनाकर पवेलियन लौटे। इन दोनों का फ्लॉप होना भारत की हार की बड़ी वजह बना।

2. नंबर तीन पर करुण नायर की नाकामी
करुण नायर की टेस्ट टीम में वापसी ने सुर्खियां बटोरी थीं, लेकिन उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। पहले टेस्ट में छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने पर उनके स्थान को लेकर सवाल उठे, लेकिन तीसरे नंबर पर भी वे प्रभाव नहीं छोड़ सके। तीन टेस्ट की छह पारियों में उनके स्कोर 0, 20, 31, 26, 40 और 14 रन रहे। लॉर्ड्स में मुश्किल पिच पर उनकी 40 और 14 रनों की पारियां उम्मीदों पर खरी नहीं उतरीं। अगर नायर का फॉर्म ऐसा ही रहा, तो भारत को नंबर तीन के लिए नया विकल्प तलाशना होगा।

3. इंग्लैंड के निचले क्रम को जल्दी न समेट पाना
इंग्लैंड ने पहली पारी में 271 रन पर सात विकेट गंवा दिए थे, लेकिन भारत उनकी पारी को जल्दी समेटने में नाकाम रहा। जेमी स्मिथ और ब्रायडन कार्स ने आठवें विकेट के लिए 84 रनों की साझेदारी कर इंग्लैंड को 387 तक पहुंचाया। यह भारत की पुरानी समस्या रही है, जहां विपक्षी टीमों के निचले क्रम ने अहम मौकों पर रन बनाए। इस साझेदारी ने इंग्लैंड को बराबरी पर ला खड़ा किया, जिसने बाद में मैच का रुख मोड़ा।

4. ऋषभ पंत का रन आउट होना
ऋषभ पंत का पहली पारी में रन आउट होना टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। पंत 74 रन बनाकर शानदार लय में थे और केएल राहुल के साथ 141 रनों की साझेदारी कर चुके थे। उस वक्त भारत 248/3 पर था और लीड की स्थिति में दिख रहा था। लेकिन बेन स्टोक्स के सटीक थ्रो ने पंत को रन आउट कर दिया। कप्तान गिल और स्टोक्स, दोनों ने इसे निर्णायक क्षण माना। गिल ने कहा कि अगर पहली पारी में 80 रनों की लीड मिली होती, तो नतीजा अलग हो सकता था। पंत के आउट होने के बाद भारत नियमित अंतराल पर विकेट गंवाता रहा और 387 पर सिमट गया।

5. एक्स्ट्रा रनों की बौछार
भारत ने इस टेस्ट में 63 रन एक्स्ट्रा के रूप में दिए, जो हार का एक बड़ा कारण बना। पहली पारी में 31 और दूसरी में 32 रन एक्स्ट्रा के रूप में गए, जिसमें 36 रन बाई के थे। तुलनात्मक रूप से, इंग्लैंड ने कुल 30 रन (12 और 18) एक्स्ट्रा दिए। खासकर दूसरी पारी में भारत ने छह बार फोर बाई (24 रन) दिए, जो मुफ्त में इंग्लैंड को मिले। भारत की हार का अंतर 22 रन था, और ये एक्स्ट्रा रन भारी पड़ गए। विकेटकीपर ऋषभ पंत की चोट के कारण ध्रुव जुरेल ने कीपिंग की, लेकिन लॉर्ड्स की पिच और स्लोप के कारण बाई रोकना चुनौतीपूर्ण रहा।

6. मुख्य बल्लेबाजों का कमजोर जज्बा
जहां जडेजा, बुमराह और सिराज ने दूसरी पारी में जबरदस्त जज्बा दिखाया, वहीं मुख्य बल्लेबाजों ने निराश किया। केएल राहुल ने 58 गेंदों पर 39 रन बनाकर कुछ हद तक जुझारूपन दिखाया, लेकिन अन्य बल्लेबाज मैदान पर टिकने में नाकाम रहे। यशस्वी (0), गिल (6), नायर (14) और पंत (6) जल्दी आउट हुए। इसके विपरीत, जडेजा ने 181 गेंदों पर नाबाद 61 रन बनाए, नीतीश रेड्डी ने 53 गेंदों पर 13 रन, बुमराह ने 54 गेंदों पर 5 रन और सिराज ने 30 गेंदों पर 4 रन बनाए। निचले क्रम का यह जज्बा मुख्य बल्लेबाजों में नजर नहीं आया।

7. स्टोक्स और आर्चर की मैराथन गेंदबाजी
बेन स्टोक्स और जोफ्रा आर्चर की शानदार गेंदबाजी ने भारत को बैकफुट पर धकेल दिया। स्टोक्स ने कप्तानी की जिम्मेदारी संभालते हुए लंबे स्पैल डाले। उनका पहला स्पैल 9.2 ओवर, दूसरा छह ओवर और आखिरी में लगातार कई ओवर का रहा। उन्होंने राहुल, आकाश दीप और बुमराह के महत्वपूर्ण विकेट लिए। आर्चर ने भी यशस्वी, सुंदर और पंत को आउट कर भारत की रीढ़ तोड़ दी। स्टोक्स को उनके ऑलराउंड प्रदर्शन (77 रन और पांच विकेट) के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। दूसरी ओर, भारत ने बुमराह के वर्कलोड को लेकर सतर्कता बरती, जिसका असर उनके सीमित उपयोग में दिखा।

रवींद्र जडेजा की नाबाद 61 रनों की पारी और निचले क्रम के जुझारूपन ने भारत को जीत के करीब ला दिया था, लेकिन मुख्य बल्लेबाजों की नाकामी, एक्स्ट्रा रनों की बौछार और इंग्लैंड के निचले क्रम को न समेट पाना हार की प्रमुख वजहें रहीं। स्टोक्स और आर्चर की आक्रामक गेंदबाजी ने भारत की कमजोरियों को उजागर कर दिया। अब मैनचेस्टर में होने वाले चौथे टेस्ट में भारत को इन गलतियों से सबक लेकर वापसी करनी होगी।

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