उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2026 की तैयारियाँ तेजी से चल रही हैं। ग्राम पंचायतों के परिसीमन की प्रक्रिया आज, 28 जून से शुरू हो रही है। इस प्रक्रिया के तहत 28 से 30 जून तक ग्राम पंचायतवार जनसंख्या का निर्धारण किया जाएगा, जबकि प्रस्तावित वार्डों पर आपत्तियाँ 4 से 8 जुलाई तक स्वीकार की जाएंगी। यह कवायद उन ग्राम पंचायतों को प्रभावित करेगी, जो नगर निकायों के सृजन या विस्तार के कारण आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं।

परिसीमन की समयसारिणी
शासन के निर्देशानुसार, परिसीमन की प्रक्रिया को निम्नलिखित समयसारिणी के अनुसार पूरा किया जाएगा:
- 28-30 जून 2025: ग्राम पंचायतवार जनसंख्या का निर्धारण।
- 1-3 जुलाई 2025: ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, और जिला पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों (वार्डों) की प्रस्तावित सूची तैयार करना और उसका प्रकाशन।
- 4-8 जुलाई 2025: प्रस्तावित सूची पर आपत्तियाँ प्राप्त करना।
- 9-11 जुलाई 2025: प्राप्त आपत्तियों का निस्तारण।
- 12-14 जुलाई 2025: वार्डों की अंतिम सूची का प्रकाशन।
- 16 जुलाई 2025 तक: सभी जिलाधिकारियों को अंतिम सूची पंचायतीराज निदेशालय को सौंपने का निर्देश।
शासन ने स्पष्ट किया है कि 2026 में होने वाले पंचायत चुनावों के लिए इस समयसारिणी का कड़ाई से पालन किया जाए। जिन जिलों में नगर निकायों के सृजन या विस्तार के कारण कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, उन्हें भी इसकी सूचना उपलब्ध करानी होगी।
प्रभावित ग्राम पंचायतें
पंचायत चुनाव-2021 के बाद कई जिलों में नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद, और नगर निगम के सृजन या सीमा विस्तार के कारण कई ग्राम पंचायतों की जनसंख्या 1000 से कम हो गई है। उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम के अनुसार, ऐसी ग्राम पंचायतें, जो जनसंख्या के मानक को पूरा नहीं करतीं, उन्हें नजदीकी ग्राम पंचायत में शामिल किया जाएगा। वहीं, यदि कोई एकल राजस्व ग्राम नगरीय निकाय में शामिल हो गया है, लेकिन उसकी जनसंख्या 1000 या अधिक है, तो उसे स्वतंत्र ग्राम पंचायत बनाया जा सकता है।
उदाहरण के लिए:
- यदि किसी ग्राम पंचायत का एक राजस्व ग्राम नगरीय निकाय में शामिल हो गया है और शेष ग्राम पंचायत जनसंख्या मानक को पूरा नहीं करती, तो उसे निकटतम ग्राम पंचायत में मिला दिया जाएगा।
- यदि कोई राजस्व ग्राम नगरीय क्षेत्र में शामिल होने के बावजूद जनसंख्या मानक को पूरा करता है, तो उसे नई ग्राम पंचायत के रूप में गठित किया जा सकता है।
- ऐसी ग्राम पंचायतें, जिनकी जनसंख्या 1000 या अधिक है और आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं, वे यथावत रहेंगी।
शहरीकरण का प्रभाव
नगर निकायों के विस्तार के कारण कई ग्राम पंचायतें शहरी क्षेत्रों का हिस्सा बन गई हैं। इससे ग्राम पंचायतों की संख्या और उनके वार्डों की संरचना में बदलाव की आवश्यकता पड़ी है। शासन के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, सभी जिलों से पुनर्गठन की प्राथमिक सूचना प्राप्त हो चुकी है। अब आंशिक परिसीमन के जरिए ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों, और जिला पंचायतों के वार्डों को पुनर्गठित किया जाएगा।
पंचायत चुनाव-2026 की महत्ता
पंचायत चुनाव-2026 उत्तर प्रदेश में स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ग्राम पंचायतों का परिसीमन और वार्डों का पुनर्गठन सुनिश्चित करेगा कि निर्वाचन प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो। साथ ही, यह ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देने और स्थानीय नेतृत्व को सशक्त बनाने में भी मदद करेगा।