मणिपुर के पांच घाटी जिलों—इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट, थौबल, ककचिंग, और बिष्णुपुर—में शनिवार रात मेइती संगठन अरमबाई तेंगगोल (एटी) के प्रमुख नेता कनन सिंह (कनन मेइती) और कुछ अन्य सदस्यों की कथित गिरफ्तारी के बाद हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए।

प्रदर्शनकारियों ने टायर और पुराने फर्नीचर जलाए, इंफाल हवाई अड्डे के प्रवेश द्वार को घेर लिया, और सुरक्षा बलों के साथ झड़प की। कुछ प्रदर्शनकारियों ने इंफाल में आत्मदाह का प्रयास भी किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बिष्णुपुर में पूर्ण कर्फ्यू और अन्य चार जिलों में पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं (वीएसएटी और वीपीएन सहित) भी पांच दिनों के लिए निलंबित कर दी गई हैं।
ताजा घटनाक्रम:
- हिंसक प्रदर्शन: शनिवार रात इंफाल के क्वाकेथिल और उरिपोक क्षेत्रों में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर टायर और फर्नीचर जलाए। इंफाल ईस्ट के खुरई लमलॉन्ग में एक बस को आग के हवाले कर दिया गया। क्वाकेथिल में गोलियों की आवाज सुनी गई, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि गोलीबारी किसने की।
- हवाई अड्डे पर प्रदर्शन: अफवाहों के बाद कि गिरफ्तार नेता को राज्य से बाहर ले जाया जाएगा, प्रदर्शनकारियों ने तुलिहाल में इंफाल हवाई अड्डे की सड़क को अवरुद्ध कर दिया और रात भर सड़क पर लेटकर विरोध किया।
- आत्मदाह की धमकी: कुछ अरमबाई तेंगगोल सदस्यों ने गिरफ्तारी के विरोध में खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया।
- सुरक्षा बलों की कार्रवाई: सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। लाठीचार्ज में एक व्यक्ति की मौत की खबर है, जबकि दो पत्रकारों और एक नागरिक के घायल होने की सूचना है। राजभवन की ओर जाने वाली सड़कों पर अतिरिक्त केंद्रीय बल तैनात किए गए हैं।
- कर्फ्यू और इंटरनेट निलंबन: बिष्णुपुर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू है, जबकि अन्य चार जिलों में धारा 163 (बीएनएस) के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। इंटरनेट निलंबन का आदेश गृह सचिव एन. अशोक कुमार ने दिया, जिसमें कहा गया कि सोशल मीडिया के दुरुपयोग से हिंसा और साम्प्रदायिक अशांति भड़क सकती है।
- अरमबाई तेंगगोल का बंद: संगठन ने घाटी जिलों में 10 दिनों का पूर्ण बंद घोषित किया है, जिसमें केवल चिकित्सा सेवाएं और मीडिया को छूट दी गई है।
कनन सिंह की गिरफ्तारी
रिपोर्ट्स के अनुसार, कनन सिंह, जो अरमबाई तेंगगोल का स्व-घोषित “आर्मी चीफ” है, को शनिवार रात 9:40 बजे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और मणिपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने इंफाल वेस्ट के क्वाकेथिल क्षेत्र से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के कारणों का आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन एनआईए संगठन के प्रमुख कोरौंगनबा खुमन के खिलाफ 1 नवंबर 2023 को सुरक्षा बलों पर हमले और हथियार लूट के मामलों में जांच कर रही है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
एक वायरल वीडियो में बीजेपी राज्यसभा सांसद लेशेम्बा सनाजाओबा को प्रदर्शन स्थल पर सुरक्षा बलों से बात करते देखा गया। उन्होंने कहा, “हमने शांति के लिए बहुत मेहनत की। ऐसी हरकतों से शांति कैसे आएगी? मुझे और मेरे साथ मौजूद विधायक को भी गिरफ्तार कर लें।” यह वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया गया।
अरमबाई तेंगगोल का विवादास्पद इतिहास
अरमबाई तेंगगोल, जो मेइती समुदाय का एक संगठन है, शुरू में सांस्कृतिक पुनरुद्धार के लिए बना था, लेकिन मई 2023 में शुरू हुई मेइती-कुकी जातीय हिंसा के बाद इसे एक मिलिशिया-जैसी ताकत माना जाता है। कुकी-ज़ो समुदाय ने इस पर उनके गांवों पर हमले और यौन हिंसा के आरोप लगाए हैं। संगठन ने 27 फरवरी 2025 को 246 हथियार सुरक्षा बलों को सौंपे थे, जो मणिपुर में अवैध हथियारों की सबसे बड़ी खेप थी। हालांकि, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि संगठन के खिलाफ कार्रवाई में कमी रही है।
जातीय हिंसा का पृष्ठभूमि
मणिपुर में मई 2023 से मेइती और कुकी-ज़ो समुदायों के बीच जातीय हिंसा में कम से कम 260 लोग मारे गए हैं और 59,000 से अधिक विस्थापित हुए हैं। फरवरी 2025 में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन लागू किया। हाल के महीनों में हिंसा में कमी आई थी, लेकिन कनन सिंह की गिरफ्तारी ने तनाव को फिर से भड़का दिया।
वर्तमान स्थिति
इंफाल में रविवार सुबह स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। प्रदर्शनकारी सड़कों पर डटे हैं, और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है। अरमबाई तेंगगोल ने अपने बंद को और सख्त करने की चेतावनी दी है। मणिपुर पुलिस ने नागरिकों से कर्फ्यू और निषेधाज्ञा का पालन करने की अपील की है।