वीपी धनखड़ का न्यायपालिका पर हमला: ‘संविधान लोगों के लिए है, चुने हुए लोग ही अंतिम स्वामी हैं
उच्चतम न्यायालय के एक फैसले पर अपनी टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बीच जगदीप धनखड़ ने न्यायपालिका पर फिर से हमला बोला है।

उच्चतम न्यायालय के एक फैसले पर अपनी टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को न्यायपालिका पर एक और कटाक्ष करते हुए कहा कि संविधान लोगों के लिए है और संवैधानिक प्रथाओं के माध्यम से चुने गए लोग इसकी सुरक्षा करने तथा यह तय करने के “अंतिम स्वामी” हैं कि इसकी विषय-वस्तु क्या होनी चाहिए।
दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी संवैधानिक पदाधिकारी द्वारा बोला गया प्रत्येक शब्द राष्ट्र के सर्वोपरि हित से प्रेरित होता है। उन्होंने कहा, “मैं आपको बता दूं कि संविधान ने अपना सार, अपना महत्व, अपना अमृत संविधान की प्रस्तावना में समाहित कर रखा है। और इसमें क्या लिखा है, हम भारत के लोग, सर्वोच्च शक्ति उनके पास है। भारत के लोगों से ऊपर कोई नहीं है। और हम भारत के लोगों ने संविधान के तहत अपने जनप्रतिनिधियों के माध्यम से अपनी अभिव्यक्ति, अपनी इच्छा, अपनी इच्छा को प्रतिबिम्बित करने का विकल्प चुना है। और वे चुनावों के दौरान इन प्रतिनिधियों को जवाबदेह ठहराते हैं।
धनखड़ ने कहा, “इसलिए इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि संविधान लोगों के लिए है। और इसकी सुरक्षा का जिम्मा निर्वाचित प्रतिनिधियों का है। वे ही इस बात के अंतिम स्वामी हैं कि संवैधानिक विषय-वस्तु क्या होगी। संविधान में संसद से ऊपर किसी प्राधिकारी की कल्पना नहीं की गई है। संसद सर्वोच्च है। उन्होंने कहा, “और ऐसी स्थिति में, मैं आपको बता दूं कि यह देश के प्रत्येक व्यक्ति के लिए सर्वोच्च है। हम लोग लोकतंत्र में एक अणु हैं। और उस अणु में परमाणु शक्ति है। और वह परमाणु शक्ति चुनावों के दौरान प्रतिबिंबित होती है। और इसीलिए हम एक लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं।”