
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है भाई दूज का त्योहार। पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि इस बार 26 अक्टूबर 2022 की दोपहर 02:42 से प्रारंभ होकर अगले दिन यानी 27 अक्टूबर 2022 को दोपहर 12:42 बजे समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार भाईदूज का पर्व 27 अक्टूबर 2022 को मनाया जाना श्रेष्ट रहेगा। इस दिन भाईदूज पर भाई को टीका लगाने के लिए शुभ मुहूर्त 11:07 मिनट से 12:46 मिनट तक रहेगा। टिका करने की कुल अवधी 1 घंटा 29 मिनट की है।

भाई दूज की पूजन विधि
- भाई दूज के दिन भाई बहन दोनों को ही सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लेना चाहिए। इसके बाद साफ या नए कपड़े पहनकर सबसे पहले सूर्य भगवान को जल चढ़ाना चाहिए।
- भाईदूज के त्योहार पर अपने भाई को टीका करते समय, बहन को पूजा की थाली में फूल, अक्षत, मिठाई, कलावा और सिंदूरी रंग का टीका पहले से रख लेना चाहिए।
- भाई को तिलक करते वक्त भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर खड़ा कर दें और उसके सिर पर रुमाल या कोई साफ कपड़ा जरूर रखें। टीका लगाते समय दाएं हाथ का ही प्रयोग करना चाहिए।
- तिलक और आरती के बाद भाई को मिठाई खिलाएं और अपने हाथों से बना भोजन कराएं।
- टिका लगवाने के बाद भाईयों को बहनों के पैर छूकर आशीर्वाद जरुर लेना चाहिए और उन्हें अपनी तरफ से कोई उपहार या दक्षिणा देनी चाहिए।
कई स्थानों पर इस दिन बहने अपने भाई के हाथों में सिंदूर और चावल का लेप लगाती है। उसके बाद भाई के हाथों में पान का पत्ते, सुपारी और चांदी का सिक्का रख कर उस पर जल चढाती है फिर भाई के हाथ पर कलावा बांधती है। कलावा बांधते हुए बहन, भाई की दीर्घायु और खुशहाल जीवन की कामना के लिए मंत्र पढ़ती है-
गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को। सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें, फूले-फलें।।
कहीं कहीं बहनें भाईयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती उतारती भी हैं। फिर इसके बाद कलावा बांधती हैं। मिठाई से भाई का मुंह मीठा किया जाता है। कई जगह इस दिन भाई के शादीशुदा बहन के घर जाकर भोजन कर उन्हें उपहार देने की प्रथा भी प्रचलित है।