अब कश्‍मीर में शुरु हुई लाशों पर राजनीति, पीडीपी के एक सांसद ने दिया इस्‍तीफा 

कश्‍मीर में लाशों पर राजनीतिश्रीनगर । जम्‍मू-कश्‍मीर में हिंसा और विवाद खत्‍म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। लगातार हिंसा की आग में झुलसते कश्‍मीर की चिंता भले ही किसी नेता को न हो लेकिन कश्‍मीर में लाशों पर राज‍नीति का सिलसिला अवश्‍य शुरु हो गया है।

ताजा घटना क्रम में जम्मू कश्मीर में राज करने वाली महबूबा मुफ्ती की पीडीपी में भी बवाल खड़ा हो गया है। श्रीनगर से पार्टी के सांसद तारिक अहमद ने त्याग पत्र देकर इस बवाल की शुरूआत भी कर दी  है। बताया गया है कि तारिक पीडीपी और बीजेपी गठबंधन से नाराज है और इसी के चलते उन्होंने पार्टी तथा संसद सदस्यता से अपना नाता तोड़ लिया।

ज्ञात हो कि बीती 8 जुलाई से ही कश्मीर में हिंसा का दौर जारी है। यहां भारतीय सुरक्षा बलों के हाथों आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से ही उपद्रव जारी है। लेकिन अब पीडीपी और बीजेपी के गठबंधन पर विरोध के सुर सुनाई देने लगे है। बताया गया है कि महबूबा सरकार के ही कुछ मंत्री और नेता यह चाहते है कि पीडीपी अब बीजेपी से अलग हो जाये।

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में पीडीपी को बीजेपी ने समर्थन देकर सत्ता पर काबिज कराया है। पार्टी से त्याग पत्र देने वाले सांसद तारिक का कहना है कि कश्मीर में हालात बेकाबू होने के पीछे महबूबा सरकार ही दोषी है। इधर पीडीपी को सहयोग देने वाली बीजेपी के नेताओं ने कहा है कि तारिक के इस्तीफा देने से फिलहाल गठबंधन पर कोई असर नहीं होगा। बीजेपी ने यह साफ कर दिया है कि घाटी की स्थिति को सुधारना ही पीडीपी और केन्द्र सरकार का पहला लक्ष्य है।

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