भारत को Veto Power दिलाने में France करेगा मदद, NSG का सदस्य बन सकता है India

पीएम मोदी ने तीन योरोपीय देशों के यात्रा पर फ्रांस पहुंचे, जहां उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ बैठक की। उस दौरान फ्रांस ने परमाणु आपुर्तिकर्ता समूह में भारत को शामिल करने का अपना समर्थन एक बार फिर दोहराया।

ऐसा माना जा रहा है कि अगर भारत एनएसजी का सदस्य हो जाएगा तो उसकी परमाणु शक्ति तेजी से बढ़ने लगेगा। इसके साथा ही भारत -फ्रांस जी-20 के मसौदे के तहत मजबूत सहयोग बनाए रखने पर सहमत हुए हैं। भारत ने एनएसजी में शामिल होने को लेकर कहा कि वह अपने प्रयासों को एक निर्णय तक पहुंचाने के लिए सदस्य राष्ट्रों से बात कर रहा है।

आपको बता दें कि एनएसजी में 48 सदस्य हैं। इन सदस्य राष्ट्रों का काम है कि ये प्रौद्योगिती और आण्विक सामग्री के व्यापार एवं स्थानांतरण को नियंत्रित करने के साथ-साथ परमाणु हथियारों के अप्रसार में भी सहयोग करते हैं।

चीन भी इस ग्रूप का सदस्य है, जो हमेशा से भारत को इस ग्रूप में शामिल होने का विरोध भी करता आ रहा है। चीन यह तर्क पेश करता है कि भारत ने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। चीन के विरोध ने भारत को इस समूह में शामिल होने की राह को कठिन बना दिया है, क्योंकि एनएसजी सहमति के सिद्धांत पर चलता है।

इसके अलावा फ्रांस ने भारत को सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्याता के प्रयास का समर्थन किया है। यह जानकारी पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच बैठक के बाद जारी एक संयुक्त के द्वारा जारी बयान में दी गई।

गौरतलब है कि बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैकों ने द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर गहन चर्चा की और दोनों नेता भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के अगले चरण के लिए महत्वाकांक्षी एजेंडा तैयार करने पर सहमत हुए।

बता दें कि पीएम मोदी यूरोप के तीन देशों की यात्रा के आखिरी पड़ाव पर डेनमार्क से बुधवार को पेरिस पहुंचे और उन्होंने मैक्रों के साथ अनेक मुद्दों पर गहन वार्ता की। मैक्रों एक सप्ताह पहले ही इस पद पर दोबारा निर्वाचित हुए हैं।

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