यूपी, बिहार और केरल को मुफ्त में वितरित करने के लिए नहीं मिलेगा गेहूं, अन्य राज्यों का भी घटा कोटा

इस बार देश में गेंहू के कम उपज होने के कारण केंद्र ने बुधवार को सितंबर तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत आने वाले कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों गेहूं आवटना की मात्रा केंद्र सरकार ने कम कर दिया है।

हालाकि केंद्र सरकार गेहूं के बजाय चावल की मात्रा को बढ़ा दिया है। कम गेहूं पाने वाले राज्य बिहार, केरल और उत्तर प्रदेश हैं, जिन्हें मुफ्त में वितरित करने के लिए गेहूं नहीं मिलेगा।

इसके अलावा आठ ऐसे राज्य दिल्ली, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल हैं , जिनको मिलने वाले गेहूं के कोटा में कटौती कर दी गई है। जबकि वहीं शेष 25 ऐसे राज्य हैं जिनके कोटा में सून्य कटौती की गई है।

इस विषय पर केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने सूची जारी करते हुए कहा है कि शेष पांच महीनों मई से सितंबर तक के लिए सभी 36 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के लिए चावल और गेहूं के पीएमकेजीएवाई आवंटन को संशोधित करने का निर्णय लिया गया है।

खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा है कि लगभग 55 लाख मीट्रिक टन चावल का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा और इतनी ही मात्रा में गेहूं की बचत होगी।

उन्होंने कहा कि संशोधन केवल पीएमजीकेएवाई के लिए है, हालांकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अंतर्गत आवंटन पर राज्यों के साथ चर्चा जारी है। हां ये बात अलग है कि अगर कुछ राज्य एनएफएसए के तहत अधिक चावल लेना चाहते हैं, तो हम उनके अनुरोध पर विचार करेंगे।

खाद्य मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2022-23 की शुरूआत में गेहूं का स्टॉक 190 लाख मिट्रीक टन था और 195 लाख मीट्रिक टन की ताजा अनुमानित खरीद कुल स्टॉक को 385 लाख मीट्रिक टन तक ले जाएगी।

विभिन्न कल्याकारी योजनाओं के तहत वितरण के बाद, वित्तीय वर्ष के अंत में लगभग 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं स्टॉक में होगा, जो कि 75 लाख मीट्रिक टन के न्यूनतम स्टॉकिंग मानदंड से अधिक है।

पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष गेहूं कि कुल उपज एक हजार पच्चास लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जो पहले के 1,113 लाख मीट्रिक टन के अनुमान से कम है।

कम गेहूं खरीदने का कारण स्पष्ट करते हुए मंत्रालय ने कहा कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश , राजस्थान, गुजरात में अधिक किसान एमएसपी से अधिक कीमत पर व्यापारियों या निर्यातकों को उपज बेच रहे हैं। यह भी कहा पंजाब, हरियाणा, यूपी में गर्मी की शुरूआत और सूखे आनाज के कारण उपज कम हुआ है।

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