
दिलीप कुमार
रूस और यक्रेन के बीच पिछले 22 दिनों से संघर्ष जारी है। यूरोपीय देश समेत दुनिया के कई देशों ने रूस के हमले को रोकने के लिए रूस पर कई बड़े प्रतिबंध लगाया है, उसके बावजूद भी रूस यूक्रेन पर निरंतर बमबाजी कर रहा है।

इस युद्ध को रोकने के लिए कीव अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में रूस के खिलाफ मामला उठाया है, जिसे ध्यान में रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने बुधवार को रूस को तत्काल युद्ध रोकने के लिए आदेश दिया है।
आपको बता दें कि इन सब प्रयासों का रूस पर कोई असर नहीं दिख रहा है, उल्टा रूस यूक्रेन प्रति और आक्रामक होता दिखाई दे रहा है। अबतक यूएनओ, नाटो और अन्य देशों के द्वारा रूस को रोके जाने सारे प्रयास असफल शाबित होता दिखाई दे रहा है। रूस समर्थक चीन भी रूस का साथ देकर अपने हर दांव को खेल रहा है, जिसे लेकर अमेरिका ने चीन को चेताया है कि चीन रूस का सहायता ना करे। वर्तमान स्थिति की अगर बात करें तो रूस और अमेरिका के बीच इस समय तीखी बहस बढ़ता जा रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन पर एक के बाद एक जुबानी हमले कर रहे हैं। अब बाइडेन ने कैपिटल हिल में सेंट पैट्रिक दिवस पर आयोजित फ्रेंड्स ऑफ आयरलैंड लंच में बोलते हुए पुतिन को हत्यारा तानाशाह और शुद्ध ठग बताया। साथ ही यूक्रेन के लोगों के खिलाफ अनैतिक युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया।
अमेरिका ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह रूस के साथ सीधे टकराव से बचना चाहता है, हालांकि मॉस्को को चीन की सैन्य सहायता दुनिया की दो सबसे बड़ी शक्तियों वाशिंगटन और बीजिंग को दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोपीय राज्य पर सबसे बड़े हमले को लेकर विपरीत दिशा में खड़ा कर देगी।
गौरतलब है कि चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि चीन के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने द्विपक्षीय संबंधों पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए 17 मार्च को चीन में रूस के राजदूत से मुलाकात की है।
इस युद्ध को रोकने के लिए नाटो सदस्य देस ऑस्ट्रेलिया ने रूस के 11 बैंक और कई सरकारी संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए हैं। इन नए प्रतिबंधों का मकसद रूस के राजकीय ऋण को को संभालने वाले संस्थानों को निशाना बनाना है।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे इस संहर्ष का एक स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि अगर रूस अपने इस ऑपरेशन को यदि नहीं रोकता है तो भविष्य में विश्व एक बार फिर दो गुटों में बट सकता है।