“दलितों पर हो रहा है अत्याचार, तो संविधान दिवस मनाने का क्या औचित्य”: Priyanka Gandhi

प्रयागराज ज़िले के फाफामऊ के एक गाँव में बुधवार (24 नवंबर) की रात एक दलित परिवार के 4 लोगों, फूलचंद (50 वर्ष), उसकी पत्नी मीनू देवी (45 वर्ष), बेटी सपना (17 वर्ष) और बेटा शिवा (13 वर्ष) की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। शुक्रवार (26 नवंबर) को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) इस घटना पर दुख व्यक्त करने यहाँ पहुँची और पीड़ित परिवार से मिलकर उनकी पीड़ा साझा की। उन्होंने कहा कि, “इससे पहले इस परिवार के साथ 2019 में फिर 2020 में और 2021 के सितंबर में मारपीट की गई और अब उनकी हत्या कर दी गई। उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार हो रहा है, ऐसे में संविधान दिवस मनाने का क्या औचित्य है।”

प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने कहा, “जब दबंगों ने 2019 में इस दलित परिवार के साथ मारपीट की थी तो पुलिस ने पहले कार्रवाई क्यों नहीं की और इन्हें सुरक्षा क्यों नहीं दी। प्रदेश में जहाँ-जहाँ मैं जा रही हूँ, मैं देख रही हूं कि दलितों को न्याय नहीं मिल रहा है। यहाँ दलितों के लिए, किसानों के लिए, महिलाओं के लिए न्याय नहीं है। न्याय केवल उन लोगों के लिए है जिनकी सत्ता है और जो बड़े-बड़े उद्योगपति हैं। मैं 2 साल से उत्तर प्रदेश का दौरा कर रही हूँ और यह स्पष्ट दिख रहा है कि संविधान को नष्ट किया जा रहा है।”

चुनावी मौसम में इन मुद्दों पर राजनीति करने के आरोप पर प्रियंका (Priyanka) ने कहा की, “वे कुछ भी कह लें, मैं लोगों की आवाज़ उठाती रहूँगी। मैं इनके ख़िलाफ़ लड़ती रहूंगी। जहाँ अन्याय हो रहा है वहाँ जाती रहूँगी और मैं उनके साथ खड़ी रहूँगी। आगरा को देखिये वहाँ अरुण वाल्मिकी के साथ क्या हुआ। हाथरस में क्या हुआ, यहाँ क्या हो रहा है। दलितों पर जो अत्याचार हो रहा है क्या सब चुप बैठकर देखते रहेंगे। उन्हें जो वीडियो दिखाया गया है और जो बताया गया है, उसको लेकर वह हिल गई हैं। पूरा परिवार दहशत में है और परिवार के लोग कह रहे हैं कि उनके साथ क्या होगा पता नहीं। पुलिस से इन्हें सहयोग नहीं मिला। पीड़ित परिवार की महिलाओं ने बताया कि जब वे शिकायत करने थाना जाती थीं तो पुलिस वाले उनका मज़ाक उड़ाते थे।”

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