कालसर्प दोष से चाहिए मुक्ति तो आज नागपंचमी पर जरूर करें यह उपाय
नागपंचमी पर नागों की पूजा की जाती है। सावन के महीने में यह महत्वपूर्ण त्योहार है। सावना का महीना भगवान शिव और मां पार्वती को हार्दिक प्रिय है। इसके साथ ही नाग पंचमी पर भगवान शिवजी के साथ ही सांपों की भी पूजा की जाती है। मान्यता है कि जिसकी कुंडली में कालसर्प या पितृ दोष हो तो वह इस दिन पूजा करने से खत्म हो जाता है।
आपको बता दें कि इस बार पंचमी तिथि 12 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 24 मिनट से आरंभ हो रही है जो कि 13 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के हिसाब से नाग पंचमी का त्योहार 13 अगस्त के दिन ही मनाया जाएगा। नागपंचमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त 05 बजकर 49 मिनट से 08 बजकर 28 मिनट तक रहेगा।
जरूर करें यह उपाय
- नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करें और सांपों के दर्शन जरूर करें। इस दिन किसी ज्योतिषी को घर बुलाकर राहु-केतु की शांति की पूजा करवाएं। चांदी से बनी नाग की आकृति की अंगूठी भी धारण करें।
- कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए मंत्रों का जाप करें।
नमोऽस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथ्वी मनु। ये अन्तरिक्षे ये दिवि तेभ्यः सर्पेभ्यो नमः।।
अनंतं वासुकि शेष पद्मनाभं च कम्बलम्। शड्खपाल धार्तराष्ट्र तक्षकं कालियं तथा।।
एतानि नौनामानि नागानां च महात्मनाम्। सायंकाले पठेन्नित्यं प्रातः काले विशेषतः।।
तस्मे विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयीं भवेत्।।
श्रीनाग गायत्री मंत्र- ॐ नवकुलाय विद्यमहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्।
- आज के दिन(नाग पंचमी पर) जिन शिव मंदिरों में पंच धातु का नाग लगा हो वहां जाकर शिवलिंग पर दूध या जल से अभिषेक करें। इस उपाय से कुंडली में मौजूद कालसर्प दोष से मुक्ति मिलेगी।
- कालसर्प दोष शांति की पूजा करवाएं। पूजा के बाद चांदी से बने नाग नागिन के जोड़े को किसी पास की नदी में प्रवाहित करें।
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