
कंगना रनौत(Kangana Ranaut) और जावेद अख्तर(Javed Akhtar) की कानूनी लड़ाई पिछले काफी समय से चल रही है। यह सब तब शुरू हुआ जब कंगना रनौत ने एक टेलीविजन साक्षात्कार के दौरान अख्तर के बारे में बात की जो उन्हें मानहानिकारक थी। फरहान अख्तर के पिता ने अभिनेत्री के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था, और मजिस्ट्रेट ने फरवरी 2021 में रनौत को नोटिस जारी कर अदालत में पेश होने के लिए कहा था। अभिनेत्री ने ऐसा नहीं किया। अब ताजा अपडेट यह है कि गीतकार जावेद अख्तर ने सोमवार को मुंबई हाईकोर्ट से अभिनेत्री कंगना के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज करने का अनुरोध किया है।

बात दे जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने यह शिकायत अंधेरी कोर्ट में दर्ज करवाई थी।अख्तर ने दावा किया है कि कंगना के बयान से उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। जावेद अख्तर की शिकायत के बाद अंधेरी कोर्ट के मजिस्ट्रेट ने कार्यवाही शुरू कर दी। मजिस्ट्रेट द्वारा कार्यवाही शुरू करने के बाद कंगना रनौत मुंबई उच्च न्यायालय में चली गई और उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर दी। जवाब में जावेद अख्तर ने इस याचिका को ठुकराने की विनती उच्चन्यायालय से की है।
कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत रद्द करने की मांग की है। कंगना ने याचिका में दावा किया है कि मजिस्ट्रेट ने इस मामले में कार्यवाही के लिए स्वतंत्र रूप से जांच नहीं की है। कंगना का कहना है कि मजिस्ट्रेट ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल नहीं किया है बल्कि जुहू पुलिस की रिपोर्ट पर विश्वास किया है। कंगना का कहना है कि मजिस्ट्रेट ने गवाहों के नाम तक की जांच नहीं की।
जावेद अख्तर(Javed Akhtar) ने कंगना की याचिका के जवाब में हलफनामा दिया है। जावेद अख्तर ने अपने हलफनामे में कहा है कि कंगना ने उच्च न्यायालय में अपनी याचिका मजिस्ट्रेट कोर्ट में दर्ज शिकायत की सुनवाई में सिर्फ देरी के इरादे से दायर की है।
जावेद अख्तर के वकील एन.के.भारद्वाज ने कहा कि कंगना के इस आरोप में कोई तथ्य नहीं है कि मजिस्ट्रेट ने अपने अधिकारों का सही इस्तेमाल नहीं किया है। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने नियमों का पालन करते हुए कंगना के खिलाफ कार्रवाई की है।
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