
कोरोना की दूसरी लहर का देश पर ज्यादा असर पड़ा है। महामारी की मार का सर्वाधिक असर मासूम बच्चों पर देखने को मिला है। आंकड़ों की बात हो तो अभी तक देश में 9346 बच्चे बेसहारा हो चुके हैं। इनमें से अधिकतर ने अपने माता-पिता दोनों को ही खो दिया है। जबकि काफी के सिर से एक अभिभावक का साया उठ गया है।

आपको बता दें कि यह जानकारी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में पेश की है। जस्टिस एलएन राव औऱ जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ के समक्ष महाराष्ट्र सरकार ने आंकड़े पेश किये। इसमें बताया गया कि 30 मई तक राज्य के विभिन्न इलाके में 4451 बच्चों ने अपने माता-पिता में से एक को खो दिया। वहीं 141 बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने माता-पिता दोनों को ही खो दिया।
एनसीपीआर की वकील स्वरूपमा चतुर्वेदी ने बताया कि यूपी में 2110 बच्चे बेसहारा हो गए हैं। यह देश का सबसे बड़ा आंकड़ा है। दूसरे नंबर पर बिहार है जहां 1327 बच्चों पर महामारी की मार पड़ी है। वहीं 952 बच्चों के साथ तीसरे नंबर पर केरल और 712 बच्चों के साथ मध्य प्रदेश चौथे नंबर पर है। यह बच्चे कोरोना के कारण अनाथ हो गये हैं।