
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच को लेकर मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह की याचिका की सुनवाई से आज यानी बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने इनकार कर दिया। इस मामले को लेकर न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी की खंडपीठ ने पूर्व पुलिस आयुक्त को बॉम्बे उच्च न्यायालय जाने की सलाह दी। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि आखिर याचिकाकर्ता ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में संविधान के अनुच्छेद 226 के अंतर्गत याचिका दायर करने के बजाय अनुच्छेद 32 के तहत शीर्ष अदालत में याचिका दायर करने का फैसला क्यों किया।

इसे लेकर न्यायालय ने यह भी सवाल किया कि आखिरकार उन्होंने गृह मंत्री को इसमें पक्षकार क्यों नहीं बनाया? यदि बात करें परमबीर सिंह की ओर से पेश होने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की तो उन्होंने न्यायालय के समक्ष कहा कि वह याचिका में देशमुख को पक्षकार बनाने को तैयार हैं। फिलहाल न्यायालय ने याचिकाकर्ता को पहले उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की सलाह दी है। इस से साफ पता चलता है कि इस मामले में उच्चतम न्यायलय कोई फैसला नहीं सुनाएगी।