गणतंत्र दिवस 2021: राष्ट्रीय ध्वज फहराने के हैं ये खास नियम, जो आप नहीं जानते…
26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा (Constituent Assembly of India) की ओर से संविधान अपनाया गया और 26 जनवरी, 1950 को इसे लागू कर दिया गया. गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय राष्ट्र ध्वज को फहराया जाता हैं. इस बार देश 72वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है. यह एक राष्ट्रीय पर्व है.
राष्ट्रीय ध्वज फहराने के क्या हैं खास नियम, आप भी जानें-
तिरंगा झुकाया नहीं जा सकता
नई संहिता की धारा 2 में सभी निजी नागरिकों अपने परिसरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार देना स्वीकार किया गया है. तिरंगे को कभी झुकाया नहीं जाता, न ही जमीन पर रखा जाता है. आदेश के बाद ही सरकारी इमारतों पर झंडे को आधा झुकाकर फहराया जा सकता है.
इस बीच ही फहराया जाएगा
इस ध्वज को किसी लाभ, पर्दें या वस्त्रों के रूप में उपयोग नहीं किया जा सकता है. जहां तक संभव हो इसे मौसम से प्रभावित हुए बिना सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही तिरंगा फहराया जा सकता है.
भूमि से स्पर्श नहीं करना चाहिए
इस ध्वज को आशय पूर्वक भूमि, फर्श या पानी से स्पर्श नहीं कराया जाना चाहिए. इसे वाहनों के ऊपर और बगल या पीछे, रेलों, नावों या वायुयान पर लपेटा नहीं जा सकता।
अन्य ध्वज इससे ऊंचा न हो
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज भारत के नागरिकों की आशाएं और आकांक्षाएं दर्शाता है. यह हमारे राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक है. किसी अन्य ध्वज या ध्वज पट्ट को हमारे ध्वज से ऊंचे स्थान पर लगाया नहीं जा सकता है.
नुकसान नहीं पहुंचा सकते
राष्ट्रीय ध्वज को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा सकते. झंडे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं