
नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) पिछले दो सालों से कांग्रेस की टीम में बड़ी सुस्त पारी खेलते हुए नजर आए हैं। वहीं अब वे पंजाब की राजनीति में एक बार फिर धुआंदार बैटिंग करते दिखेंगे। बता दें कि सिद्धू को सक्रिय करने के लिए पार्टी ने 3 फॉर्मूलों पर काम करना भी शुरु कर दिया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) से चल रहा सिद्धू का तनाव अब खत्म होता दिखाई दे रही है जिसको ध्यान में रखते हुए केंद्रीय नेतृत्व कांग्रेस पार्टी (Congress) में उनकी नई भूमिका तलाश रहा है। इसी के साथ कैप्टन के विरोधी माने जाने वाले राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा भी अब उन्हीं के पक्ष में होते दिख रहे हैं।

बता दें कि सिद्धू और कैप्टन के बीच गिले शिकवे को दूर करने में राज्य के नए प्रभारी हरीश रावत की अहम भूमिका मानी जा रही है। इसी के साथ कहा जा रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व की पंजाब में वरिष्ठ नेता को प्रभारी बनाने की रणनीति सफल रही। अब सिद्धी को नई जिम्मेदारी सौंपने में कैप्टन को भी कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन आखरी फैसला उन्हीं के हाथो में है। लेकिन माना जा रहा है कि अब सिद्धू और कैप्तन के बीच में सभी कुछ पहले की तरह सही हो गया है।

पार्टी में सिद्धू की सक्रियता बढ़ाने के लिए तैयार फॉर्मूले के अनुसार एक बार फिर उन्हें नया मंत्री पद भी दिया जा सकता है लेकिन वे किस विभाग के मंत्री बनेंगे इसका फैसला कैप्तन ही करेंगे। इतना ही नहीं उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रह कार्यभार संभालना पड़ सकता है। यदि बात करें प्रभारी महासचिव हरीश रावत (Harish Rawat) की तो उन्होंने बताया कि राज्य के सभी नेताओं के बीच बेहतर रिश्ते उन्हें खुद तय करने हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि राज्य के नेताओं की समझ से ही चीजें सही दिशा में आगे बढ़नी शुरू हुई हैं। साथ ही कहा कि इस सही दिशा में उन्हें खुद को भी आगे बढ़ाना है।
