
उज्जैन में एसिड अटैक की शिकार बनी एक नर्स ने इलाज के दौरान अपनी जान गवां दी। मौके पर मौजूद आस-पास के लोगों ने पीड़िता को अस्पताल में दाखिल करा दिया था पर उसकी जान को बचाया ना जा सका। इस मामले में लगी पुलिस का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वहीं आरोपियों के साथ एसिड बेचने वाले फिलहाल जेल में भेज दिये गए हैं। इस मामले को लेकर एसएसपी अमरेंद्र सिंह ने जानकारी दी है कि पीड़िता देवास रोड स्थित एक कॉलोनी में रहती थी। पीड़िता की उम्र 35 वर्ष बताई जा रही है और यह भी बताया गया कि पीड़ती एक निजी अस्पताल में नर्स थी। पीड़िता ने 13 साल पहले अपने पति से तलाक ले लिया था जिसके बाद वह अकेली रह रही थी।

जिसके बाद वह रत्नाखेड़ी निवासी मुकेश शर्मा (39 वर्ष) के साथ लिव इन रिलेशनशिप में ही रह रही थी। सूत्रों के मुताबिक मुकेश पहले से ही विवाहित है व उसके 2 बच्चे पत्नी के साथ रत्नाखेड़ी मे रहते हैं। पीड़िता मुकेश के साथ रहा करती थी वहीं मुकेश पीड़िता के चरित्र पर शक किया करता था। इसी शक के चलते मुकेश ने सुबह पीड़िता को सोते देख उस पर एसिड से भरा जग फेक दिया। गहरी नींद में सो रही नर्स ने एसिड के पड़ने के बाद चीखना-चिल्लाना शुरु कर दिया। एसिड से पीड़िता का पेट, मुंह व अन्य अंग बुरी तरह झुलस गए। चीख सुनकर आस-पास के लोगों ने उसे निजी अस्पताल में पहुंचाया पर इलाज के दौरान उसकी जान को बचाया ना जा सका।

आरोपी (मुकेश) ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह दूध का कारोबार कराता है। उस दिन उसने दूध में फैट की मात्रा को जांचने में प्रयोग आने वाले सल्फ्युरिक एसिड को नर्स (पीड़िता) पर डाला था। साथ ही उसने एसिट बेचने वाले का भी पता पताया। जिसके बाद पुलिस एसिड बेचने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और आरोपी करार दिया है। मौके पर नर्स की मौत के कारण पुलिस अब इन दोनों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाएगी। फिलहाल इन दोनों के हाथ में हथकड़ी लगा दी गई है।