महिला सुरक्षा को लेकर गृह मंत्रालय ने उठाया सख्त कदम, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दिये ये निर्देश

देश में महिलाओं के साथ होने वाले अपराध को रोकने के लिए लगातार कोशिश कर रही है लेकिन महिलाओ के साथ होने वाले अपराध रुकने का नाम ही नहीं ले रहे है वहीं एक बार फिर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महिलाओं की सुरक्षा और उनके खिलाफ होने वाले अपराधों से को रोकने के लिए राज्यों को नए तरीके से अदेश जारी किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय मे महिल सुरक्षा को लेकर कहा है कि पुलिस नियमों के अनुपालन के कारण असफल हो जाती है जिसके कारण ठीक ढंग से न्याय नहीं मिल पाता।


यूपी के हाथरस में महिला के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और हत्या को लेकर देशभर में फूटे गुस्से के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तीन पन्नों का विस्तृत परामर्श जारी किया है। जिसमें गृह मंत्रालय ने कहा कि सीआरपीसी के तहत संज्ञेय अपराधों में अनिवार्य रूप से प्राथमिकी दर्ज किया जाए। परामर्श में कहा गया कि महिला के साथ यौन उत्पीड़न सहित अन्य संज्ञेय अपराध संबंधित पुलिस थाने के न्यायाधिकारक्षेत्र से बाहर भी होता है तो कानून पुलिस को ‘शून्य प्राथमिकी’ और प्राथमिकी दर्ज करने का अधिकार देता है।


गृह मंत्रालय ने कहा, ”सख्त कानूनी प्रावधानों और भरोसा बहाल करने के अन्य कदम उठाए जाने के बावजूद अगर पुलिस अनिवार्य प्रक्रिया का अनुपालन करने में असफल होती है तो देश की फौजदारी न्याय प्रणाली में उचित न्याय देने में बाधा उत्पन्न होती है।”राज्यों को जारी परमार्श में कहा गया, ”ऐसी खामी का पता चलने पर उसकी जांच कर और तत्काल संबंधित जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएंगी। ”

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