Navratri 2020 : नवरात्रि पर्व पर इस तरह करें मां दुर्गा को प्रसन्न, होगी इच्छित फल की प्राप्ति

navratri 2020 : नवरात्र का आरंभ 17 अक्टूबर आश्चिन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारम्भ होगी. दुर्गा पूजा का आरंभ घट स्थापना से शुरू हो जाता है. घट स्थापना मुहूर्त का समय 17 अक्टूबर दिन शनिवार को प्रात: काल 06 बजकर 27 मिनट से 10 बजकर 13 मिनट तक है. घटस्थापना के लिए अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बारह 29 मिनट तक रहेगा |

बता दें की हर साल पित्रपक्ष खतम होते हैं ही अगले दिन ही नवरात्र शुरू हो जाते हैं लेकिन इस बार श्राद्ध समाप्त होते ही अधिकमास शुरू हो गया है. अधिकमास लगने से नवरात्रि 20 से 25 दिन आगे खिसक गया. इस साल दो महीने अधिकमास लग रहे हैं.| माना गया हैं आपकी बार लीप ईयर होने के कारण 1 महीने देर से नवरात्रि हो रही हैं साथ ही और चातुर्मास जो हमेशा चार महीने का होता है, इस बार पांच महीने का होगा | आपको बता दें अब की लीप ईयर 165 साल के बाद अधिकमास दोनों ही एक साल में हैं |

जानिए नवरात्रि पर्व का महत्व :

नवरात्रि शक्ति का स्वरूप को ही नवरात्रि कहते हैं | यह नवरात्रि नौ शक्तियों की नवधा का पर्व है | कहा जाता हैं नवरात्रि के दिन में जीवन से जुड़े नवरंग को निखरता है | यह पर्व आदिशक्ति के नौ रूपों की नौ दिनों में अलग -अलग पूजा को दर्शाता है |

घर पर नवरात्रि पूजा विधि

  • नवरात्रि पर सुबह जल्दी उठें और नित्यकर्म और स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें और पूजा घर को साफ करें |
  • नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना करने से पहले सभी तरह की पूजा सामग्रियों को एक जगह एकत्रित करें |
  • पूजा की थाली को सजाएं उसमें सभी तरह की पूजा सामग्री को रखें |
  • माँ दर्गा की फोटो को लाल रंग के कपड़े में रखें |
  • मिट्टी के पात्र में जौ के बीज को बोएं और नौ दिनों तक उसमें पानी का छिड़काव करें |
  • नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर शुभ मुहूर्त में कलश को लाल कपड़े में लपटेकर स्थापित करें।
  • फिर कलश में गंगा जल डाले और आम की पत्तियाँ रखकर उस पर जटा नारियल रखें। नारियल में लाल चुनरी को कलावा के माध्यम से बांधें |
  • इसके बाद कलश को मिट्टी के बर्तन के पास जिसमें जौ बोएं है उसके पास रख दें |
  • फूल- माला, रौली, कपूर, अक्षत और ज्योति के साथ मां दुर्गा की पूजा करें। यही प्रकिया रोज करें |
  • नौ दिनों तक माँ दुर्गा का मंत्र का जाप करें और सुख-समृद्धि की कामना करें |
  • अष्टमी या नवमी को दुर्गा पूजा के बाद नौ कन्याओं को घर पर बुलाकर उनका पूजन करें और उन्हें भोग लगाएं |
  • नवरात्रि के आखिरी दिन मां दुर्गा की पूजा के बाद घट विसर्जन करें फिर बेदी से कलश को उठाएं |    
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