
न्यूयार्क| सोशल मीडिया के प्रति रुझान को लेकर हाल ही में एक रोचक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि फेसबुक और ट्विटर तथा पेशेवर सोशल प्लेटफॉर्म लिंक्डइन के बारे में लोगों का रुख पहले के मुकाबले अधिक नकारात्मक हुआ है। वेबसाइट ‘बिजजर्नल्स डॉट कॉम’ के अनुसार, अमेरिकन कंज्यूमर सेटिस्फैक्शन इंडेक्स (एएससीआई) ने सर्च इंजनों पर व्यक्त किए गए विचारों, समाचारों, सोशल मीडिया साइट और अन्य ई-कारोबार प्लेटफॉर्म का विश्लेषण किया और पाया कि फेसबुक, ट्विटर और लिंक्डइन के प्रति लोगों का रुख पहले के मुकाबले अधिक नकारात्मक हुआ है।
फेसबुक और ट्विटर का उपयोग
फेसबुक और ट्विटर के उपयोग में सर्वाधिक गिरावट दर्ज की गई, जो क्रमश: नौ फीसदी और आठ फीसदी है।
दुनिया की इन अग्रणी सोशल साइट के प्रति उपयोगकर्ताओं के रुझान में आई कमी के कारण विज्ञापनदाता अपना पैसा कहीं और लगाने को मजबूर हुए हैं।
एएससीआई के चेयरमैन क्लेज फोर्नेल के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है, “उपभोक्ता ऑनलाइन सेवाओं के लिए विज्ञापनों को आवश्यक लागत के रूप में नहीं स्वीकार कर सका है। वह इन्हें नि:शुल्क मानता हैं। इस धारणा को बदलने में कंपनियां कुछ खास नहीं कर सकती हैं। वे यही सुनिश्चित कर सकती हैं कि उपभोक्ताओं को सामयिक और बिना विघ्न के विज्ञापन दिखाए जाएं।”
गौरतलब है कि फेसबुक ‘बनावटी’ खबरों को लेकर विवाद में रहा है और उस पर ‘ट्रेंडिंग न्यूज’ में राजनीतिक पक्षपात का आरोप भी लग चुका है। ऐसी खबरें आई थीं कि फेसबुक के ट्रेंडिंग न्यूज में रुढ़ीवादी स्रोतों से आई खबरों को किनारे कर दिया था। हालांकि, फेसबुक ने इसका खंडन किया था।
इसी वर्ष इससे पहले आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि ट्विटर द्वारा अपने न्यूजफीड के कालानुक्रम में परिवर्तन को उसके उपयोगकर्ताओं ने पसंद नहीं किया। इसके अलावा ट्विटर बाजार में आए नए सोशल एप जैसे स्नैपचैट, इमगुर और इंस्टाग्राम के सामने खुद को अपडेट भी नहीं रख पाई।
एसीएसआई के प्रबंध निदेशक डेविड वैनएम्बर्ग ने बताया, “फेसबुक और ट्विटर जैसे विशाल उपयोगकर्ताओं वाले वैश्विक ब्रांडों के लिए अपने सभी उपयोगर्ताओं को खुश रख पाना असंभव है।”