शिवसेना का नया पैतरा, सदन में किसानों के मुद्दे पर किया प्रदर्शन…

महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर चल रहा संग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा है। सीएम पद को लेकर शिवसेना और भाजपा के बीच लंबी चली सियासत भी अभी नहीं थमी है। फिलहाल शिवसेना एनडीए का अलग होकर अब औपचारिक रूप से एनडीए का हिस्सा नहीं है। लेकिन इस मतभेद का असर लोकसभा शीतकालीन सत्र में भी साफ तौर पर दिखाई दिया।

शिवसेना का नया पैतरा

स्थगन प्रस्ताव से पहले सोमवार को ही शिवसेना ने सामना के जरिए किसानों का मुद्दा उठाया. शिवसेना की मांग है कि जिन किसानों का नुकसान हुआ है, उन्हें 25 हजार प्रति हेक्टेयर रुपये का मुआवजा दिया जाए, जबकि अभी ये राशि मात्र 8 हजार रुपये तक है.

महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे आए, लेकिन अभी तक सरकार नहीं बन पाई. शिवसेना और भाजपा में मुख्यमंत्री पद को लेकर रार चलती रही, जिसके बाद शिवसेना ने एनडीए से अलग होने का फैसला लिया.

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संसद सत्र से पहले एनडीए की जो बैठक हुई, उसमें पार्टी ने जाने से मना कर दिया. जिसके बाद केंद्र सरकार ने संसद में भी शिवसेना के सांसदों के बैठने की सीट में बदलाव कर दिया. शिवसेना शीतकालीन सत्र में सत्ता पक्ष नहीं बल्कि विपक्ष वाली सीटों में नज़र आएगी. लोकसभा में शिवसेना के 18 और राज्यसभा में कुल 3 सांसद हैं.

 

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