बिना आवेदन के मिली वृद्धावस्था पेंशन, यह कैसा घोटाला !

रिपोर्ट- अनिल वर्मा

 लक्सर। लक्सर क्षेत्र के एक गांव में एक अजीब ही मामला सामने आया है। जिसमें 34 वर्षीय महिला को बिना आवेदन किए ही व वृद्धावस्था पेंशन के लिए पात्र ना होते हुए भी हरिद्वार समाज कल्याण विभाग द्वारा ₹24400 की वृद्धावस्था पेंशन उसके अकाउंट में ट्रांसफर कर दी गई है।

 

वृद्धावस्था पेंशन जबकि एक महिला का साफ  तौर पर कहना है की मेरे द्वारा वृद्धावस्था पेंशन के लिए किसी भी प्रकार से समाज कल्याण विभाग या अन्य किसी विभाग में कोई आवेदन नहीं किया गया है। क्योंकि ना तो मैं वृद्धावस्था पेंशन लेने की अभी पात्र हूं और ना ही मैंने कोई आवेदन किया है।

आपको बता दे कि लक्सर क्षेत्र के ग्राम सुल्तानपुर निवासी एक महिला के बैंक अकाउंट में समाज कल्याण विभाग द्वारा 24400 ₹ की वृद्धावस्था पेंशन ट्रांसफर कर दी गई। जबकि महिला की उम्र अभी 34 वर्ष है। उम्र के आधार पर महिला अभी वृद्धावस्था पेंशन की पात्र भी नही है।

जब महिला को पेंशन के बारे में पता चला तो महिला ने पेंशन की आई हुई 24400 ₹ की रकम को डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से सम्बंधित विभाग को वापस कर दिया था। जब महिला ने आरटीआई के माध्यम से समाज कल्याण विभाग से पेंशन के लिए किए गए आवेदन के आवेदन पत्र डॉक्यूमेंट व फोटो आदि की प्रमाणित प्रतिलिपियां प्राप्त करनी चाही तो विभाग के द्वारा कोई जवाब नही दिया गया।

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इसके बाद महिला ने प्रथम अपीलीय अधिकारी से अपील लगाई तब कहीं जाकर के आपके द्वारा मांगी गई सूचनाओ का हमारे पास कोई रिकॉर्ड नही है। जिससे साफ हो जाता है कि यह घोटाला समाज कल्याण के अधिकारियों की मिलीभगत से ही किया गया है।

महिला के पति ने बताया कि मेरी पत्नी गांव के ही एक स्कूल में पढाती थी। स्कूल के प्रबंधक ने सैलरी के लिए अकाउंट नंबर मांगा था जिसके बाद से ही मेरी पत्नी के अकाउंट में वृद्धावस्था पेंशन आई है। इस संबंध में जब हमने आरटीआई के माध्यम से जानकारी जुटानी चाही तो स्कूल प्रबंधन के द्वारा उनको धमकिया भी दी गई। यह पेंशन स्कूल प्रबंधक व समाज कल्याण विभाग हरिद्वार की सांठगांठ से ही मेरी पत्नी के अकाउंट में आई है। जबकी मेरी पत्नी अभी वृद्धा नही है। जन्मतिथि के अनुसार उनकी उम्र अभी 34 वर्ष है। किसी ने सडयंत्र के तहत यह काम किया है।

 

समाज कल्याण विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार के इस तरह के और भी मामले जांच करने पर सामने आ सकते है। इसे  समाज कल्याण विभाग की लापरवाही कहे या गलत तरीके से पैसे कमाने की लत जो बिना आवेदन किये ही विभाग द्वारा पैसे महिला के अकाउंट में ट्रांसफर किये जा रहे है। जबकि इस संबंध में विभाग के पास कोई रिकॉर्ड भी नही है।

 

 

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