अर्थव्यवस्था की सुस्ती की वजह भी कांग्रेस सरकार! सत्ता में रहते हुए किया था ये काम, यहां हुआ खुलासा

नई दिल्ली। इन दिनों कई कंपनियों पर अर्थव्यस्था का बुरा प्रहार हुआ है। कई छोटी-मोटी कंपनियां बंद होने के कगार पर है। हर ओर अर्थव्यवस्था के बिगड़े हालात ही दिखाई दे रहे हैं। लेकिन गड़बड़ अर्थव्यवस्था की हालात बीजेपी सरकार नहीं बल्कि कांग्रेस सरकार है।


ये खुलासा किया है नीति आयोग ने उसने इस बात का जिक्र किया है कि आखिर अर्थव्यवस्था की रफ्तार कम क्यों हो रही है? इसकी वजह कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए के दौर में दिए गए मनमाने कर्जे हैं जिन्होंने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है।

ऐसे ही कर्जों ने विजय माल्या से लेकर नीरव मोदी तक को देश की गाढ़ी कमाई लेकर चंपत हो जाने का मौका दिया और उद्योग व व्यापार की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कांग्रेस के शासनकाल के पांच वर्षों का खासतौर पर जिक्र किया है। यह साल 2009 से 2014 के बीच का समय है। इस दौरान बिना सोचे समझे जमकर कर्जे बांटे गए।

यही कर्जे साल 2014 के बाद से एनपीए में तब्दील हो गए। एनपीए वे ऋण होते हैं जिनकी वसूली नहीं हो पाती है। इसने अर्थव्यवस्था की रफ्तार को खासा कमजोर कर दिया। इस कमी को गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के जरिए लोन देकर पूरा करने की कोशिश की गई मगर यह इतना आसान भी नहीं था।

उन्हें रास्ता दिखाते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था में गति लाने के लिए अधिक से अधिक निजी निवेश लाना होगा। जितनी मात्रा में निजी निवेश आएगा, उससे मध्यम वर्ग की आमदनी में इजाफा होगा। उन्होंने बताया कि पिछले 70 सालों में ऐसी स्थिति नहीं रही है। यह नकदी की कमी की समस्या है। इस कमी को दूर करना होगा। अर्थव्यवस्था में फिर से भरोसा पैदा करना होगा।

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उन्होंने इस अप्रत्याशित दबाव से निपटने के लिए लीक से हटकर कदम उठाने पर जोर दिया। दिक्कत यही है कि निजी क्षेत्र में अभी कोई किसी पर भरोसा नहीं कर रहा और न ही कोई कर्ज देने को तैयार है।

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