कैक्टस की औषधिय गुणों के बारे में शायद ही जानते होंगे…

कैक्टस के पौधों में बहुत से कांटे होते हैं यो तो हम सभी जानते हैं और इसलिए ज्यादातर दूरी बनाकर रखते हैं. लेकिन शायद ही जानते होंगे कि इसी कैक्टस  में कमाल के औषधीय गुण भी होते हैं. जोड़ों के दर्द से लोग अक्सर परेशान रहते हैं और निवारण मिलता नहीं है. इसी तरह से बवासीर जैसी बिमारियों को लेकर भी हमारी अलग परेशानियां हैं. साथ ही गहरे जख्म को तेजी से भरने में कैक्टस का पौधा मददगार है. हिमाचल प्रदेश के मंडी के वल्लभ महाविद्यालय के वनस्पति शास्त्र विभाग के विशेषज्ञों ने शोध के बाद यह खुलासा किया है. आइये जानते हैं इसके गुणों के बारे में.

cactus

 

छूहीं यानि कैक्टस के दूध से बनता है काजल

इसमें मोलस्यूसाइडल गुण हैं. हिमालय में आयुर्वेदिक राल शिलाजीत के रॉक फेस कलेक्शन साइटों के पास यूफोरबिया रोलेना को बढ़ते देखा गया है. यह पौधा शिलाजीत की मूल उत्पत्ति है, क्योंकि इसके गोंद में राल के समान संरचना होती है.

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ग्रामीण महिलाएं छूहीं के दूध से काजल भी बनाती हैं, जो कि नवजात शिशुओं की आंखों की ज्योति बढ़ाता है. छूहीं को इस्तेमाल में लाते समय इसमें निकलने वाला सफेद पदार्थ आंखों या त्वचा को न लगे.

 

इस तरह बनाए छूहीं के पकवान

छूहीं की कोमल शाखाएं छिलके के साथ ही छोटे टुकड़ों में काटी गईं. धोने के बाद शाखाओं के एक किलो टुकड़ों के लिए कड़ाही में दो से चार चम्मच देसी घी गर्म किया गया.

 

उसमें सौंफ के दो चम्मच, हल्दी पाउडर एक चम्मच और छूहीं की शाखाएं डाली गईं. टुकड़े नरम और पारदर्शी होने तक इसे पकाया. फिर किशमिश और कसा हुआ नारियल डाल कर अच्छी तरह से मिलाकर मीठा पकवान तैयार किया गया.

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