
रिपोर्ट-अखिल श्रीवास्तव/रायबरेली
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर नियम चाहे जितने सख्त हो जाये और सरकार चाहे जितनी कोशिश कर ले यह सभी नियम वैसे के वैसे ही धरे रह जाते है ।
यूपी में महिलाओं के साथ हो रही प्रताड़ना कम होने का नाम नही ले रही है। ऐसा ही एक आरोप यूपी के रायबरेली में देखने को मिला जब योगी के नौकरशाह ही महिलाओं को शारीरिक प्रताड़ित करने पर आमादा हो गए, ये आरोप हम नही लगा रहे बल्कि आपकी सखी आशा ज्योति केंद्र 181 महिला हेल्प लाइन में सुगमकर्ता के पद पर तैनात महिला कर्मचारी ने ज़िले के प्रोबेशन अधिकार उदय शंकर मालवीय पर लगाया है ।
पीड़िता का आरोप है की जिला प्रोबेशन अधिकारी लगतर उसे रात में अपने कमरे में आने व शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बना रहा है और कई बार फोन पर भी अश्लील बातें कर चुका है।
बातचीत का कुछ आडियो पीडिता ने अपने मोबाइल पर भी रिकार्ड कर लिया है।यही नही पीडिता ने आरोप लगाया कि ऐसा न करने पर मुझे नौकरी ने निकालने की भी धमकी दी जा रही है।
आंख में आँसू लिए इस महिला को गौर से देखिए ये 181 महिला हेल्पलाइन में सुगमकर्ता के पद पर तैनात तहशीना खानम है इन्होंने प्रोबेशन अधिकारी उदय शंकर मालवीय पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे प्रोबेशन अधिकारी लगातार फ़ोन कर अश्लीलता भरी बाते करते है और अपने कमरे पर बुलाते है और शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बना रहे है.
ऐसा न करने पर नौकरी से निकलवाने की धमकी देते है जिसकी शिकायत पीड़िता ने जिला अधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक कर चुकी पर अभी तक कही मदद नही मिली है। पीड़िता ने यहां तक कह दिया कि अगर मुझे कही से भी न्याय नही मिलेगा तो वो आत्महत्या कर लेंगी जिसका जिम्मेदार रायबरेली जिला प्रशासन होगा।
इस मामले पर जब प्रोबेशन अधिकारी उदय शंकर मालवीय से बात की गई तब उन्होंने बताया कि पीड़िता द्वारा लगाए गए सारे आरोप झूठे है उन्होंने पहले भी कई कर्मचारियों पर इस तरह के आरोप लगा चुकी है सभी आरोप जांच में झूठे पाए गए थे और अब मुझ पर भी ये झूठे आरोप लगा रही है।
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इस पूरे मामले की जांच कर रहे एडीएम प्रशासन रामअभिलाष ने बताया कि जिला अधिकारी ने मामले की जांच करने की जिम्मेदारी मुझे दी है हम इस मामले की जांच कर रहे है बहुत जल्द की जांच पूरी कर रिपोर्ट जिला अधिकारी को सौंप दी जाएगी।
सवाल यह उठता है कि एक जिम्मेदार पद पर आसीन होने के बाद जब अधिकारी की अपनी सहकर्मी से इस तरह की हरकत करेंगे तो भला अन्य जगहों पर क्या होता होगा।
कितनी इस तरह की पीडिताये होती होंगी जो लोक लाज के डर से कुछ भी नही कह पाती। अब देखने वाली बात यह होगी कि जांच में क्या तथ्य निकल कर आता है और अगर आरोप सही पाए गए तो जिम्मेदार अधिकारी पर क्या कार्यवाही होगी?