5 गोल्ड जीतकर देश का नाम रोशन करने वाली हिमा दास को बधाई देते ही ट्रोल हुए आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव
जहाँ एक तरफ हिमा दास जैसी खिलाड़ी जो देश के लिए 5 गोल्ड लाकर पूरी दुनिया में देश का नाम ऊँचा किया है. वहीँ सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई देने का सिलसिला जारी है. ऐसे में आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने भी उनको ट्वीट कर बधाई दी. लेकिन उनके सन्देश में कुछ ऐसे शब्द का प्रयोग किया गया जो उनके लिए गले की हड्डी बन गया. जिसे लेकर धर्मगुरु सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो गए.
तकनीकी तौर पर देखें तो उनके ट्वीट में कुछ गलत नहीं है, लेकिन यदि महानगरों में चल रही बोलचाल की भाषा यानी ‘स्लैंग्स’ के नजरिये से देखा जाए तो सद्गुरु की हिमा दास पर की गई ट्वीट किसी भी सभ्य इंसान को अपमानित कर सकती है.
संभवतः यही वजह है कि टि्वटर पर सद्गुरु के ट्वीट को लेकर दो खेमे बन गए हैं.
मसला कुछ यूं है कि सद्गुरु ने हिमा दास के पांचवां गोल्ड जीतने के बाद एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने गोल्डन गर्ल के लिए ‘गोल्डन शॉवर’ विशेषण का इस्तेमाल किया. साथ ही उन्होंने एथलीट को इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए सुखद भविष्य की कामना की.
इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया देने में टि्वटर यूजर्स को कई दिन लग गए, लेकिन जो प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हईं, उससे सद्गुरु के पक्ष-विपक्ष में दो खेमों में वाक् युद्ध शुरू हो गया.
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इस शब्द पर है आपत्ति-
वास्तव में कुछ टि्वटर यूजर्स को सद्गुरु द्वारा इस्तेमाल किए गए ‘गोल्डन शॉवर’ विशेषण पर आपत्ति है. इनका मानना है कि सद्गुरु जैसा आध्यात्मिक शख्स ऐसी ‘अशिष्ट’ भाषा का इस्तेमाल कैसे कर सकता है. इसके उलट सद्गुरु का बचाव करने वाले खेमे का मानना है कि सद्गुरु ने ‘गोल्डन शॉवर’ विशेषण का इस्तेमाल उसके शाब्दिक अर्थ के अनुरूप किया है.
ऐसे में उसका गलत अर्थ नहीं निकाला जाए और सद्गुरु की ट्वीट की तुलना किसी अशिष्ट शख्स से नहीं की जाए. आध्यात्मिक गुरू का पक्ष लेने वाले टि्वटर यूजर्स का कहना है कि सद्गुरु कोई फर्जी संत या बाबा नहीं हैं. ऐसे में उनकी भावना समझी जाए और उनकी भाषा को सही अर्थों में ही लिया जाए.