यूपी में किसान फिर बना कर्ज का शिकार, SDM को नहीं थी कोई खबर


रिपोर्ट- बी.डी मिश्रा

बाँदा- तंगहाली और कर्ज के चलते किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों ने बताया कि सूदखोरों का और बैंक का लगभग 70000 हजार कर्ज ले रखा था जिसको लेकर किसान मानसिक रूप से परेशान रहता था।

वंदिता

आज खेत पर पेड़ पर रस्सी से फंदा बनाकर अन्नदाता ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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आपको बता दें, ये मामला नरैनी थाना के मुगौरा गांव का है जहाँ के रहने वाले 75 वर्षीय किसान लाला ने कर्ज और तंगहाली के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

 

जानकारी मिलने पर परिजन घटनास्थल पहुँचे परिजनों ने बताया कि किसान ने बैंक से 70000 कर्ज ले रखा था। इसके साथ ही गांव के सूदखोरों का लगभग दो लाख रुपये भी कर्ज था। फसल में कुछ खास न होने की वजह से मानसिक रूप से किसान परेशान रहता था। सूदखोरों द्वारा लगतार पैसा वापस करने के दबाव के चलते किसान ने अपने खेत पर लगे पेड़ पर रस्सी से फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली।

 

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मौके पर पहुँची पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।  इस मामले पर नरैनी की एसडीएम वंदिता श्रीवास्तव से बात की गई तो उनको इस मामले में कोई खास जानकरी नहीं थी।

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किसान की मौत का दूसरा कारण बताने में भी बिल्कुल नहीं हिचकिचाई। ऐसे में किसान द्वारा की गई आत्महत्या कहीं न कहीं ये दर्शाता है कि सरकार किसान के लिए कुछ भी कहती रहे पर जमीनी स्तर पर अन्नदाता को कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है। सुदखोरों का आतंक उनको आत्महत्या करने पर मजबूर करता है।

 

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