ब्रेक्जिट का भारत पर पड़ेगा सीमित प्रभाव

ब्रेक्जिटबीजिंग | भारत पर ब्रेक्जिट का बहुत सीमित प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि वैश्विक व्यापार में नई दिल्ली मुख्य भूमिका नहीं निभाता है। यह बात मंगलवार को चीन के एक प्रमुख दैनिक समाचार पत्र ने कही। ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने अपने एक विचार लेख में कहा कि यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने के बाद भारत-यूरोपीय संघ के संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में उसकी भूमिका भी खत्म हो जाएगी।

बहुत सीमित प्रभाव पड़ेगा
लेख में कहा गया, “इस तथ्य को देखते हुए कि नई दिल्ली वैश्विक व्यापार या अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक व्यवस्था में मुख्य भूमिका नहीं निभाता है, ब्रिटेने के यूरोपीय संघ से अलग होने का उस पर बहुत सीमित प्रभाव पड़ेगा।” समाचार पत्र ने कहा कि व्यापार और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा, लेकिन कोई खास नहीं। लेख में यह कहा गया कि भारत उन देशों में है जहां से बड़ी संख्या में लोग प्रवास करने ब्रिटेन जाते हैं।

पहले भारतीय ब्रिटेन में प्रवास करने जाते थे और वहां के नागरिक बन जाते थे। इसके बाद अन्य यूरोपीय देशों में प्रवास करना उनके लिए आसान हो जाता था, क्योंकि यूरोपीय संघ की सदस्यता के तहत ब्रिटेन के नागरिकों को संघ के सदस्य देशों में बेरोक टोक आने जाने का अधिकार था।

समाचार पत्र ने कहा, “हालांकि ब्रेक्जिट के बाद यूरोपीय संघ ब्रिटेन के साथ इस नीति को फिर से व्यवस्थित करने को बाध्य होगा, जिसका तात्पर्य है कि यूरोप में प्रवास के लिए ब्रिटेन द्वार नहीं रह जाएगा और भारत जैसे प्रवासियों के बड़े स्रोत के प्रति उसका आकर्षण कम हो जाएगा।”

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