
नई दिल्ली : आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के कदम को सुरक्षा परिषद के कई देशों ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानते हुए स्वागत किया है।
जहां चीन लंबे समय से अपने वीटो का इस्तेमाल करके मसूूद को इस सूची में शामिल किए जाने से बचाता रहा था। चीन की ओर से लगाई गई तकनीकी रोक हटने के बाद सुरक्षा परिषद ने 1 मई को मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकी की सूची में शामिल किया था।
बता दें की संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के स्थायी प्रतिनिधि जोनाथन कोहेन ने सुरक्षा परिषद को बताया, ‘मसूद को इस सूची में शामिल किया जाना दिखाता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवादियों को उनके कृत्यों के लिए जवाबदेह ठहरा सकता है और ठहराएगा।
लेकिन उन्होंने आतंकवाद से निपट रही सुरक्षा परिषद की समितियों की ब्रीफिंग के दौरान कहा कि अमेरिका खुश है कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) और अलकायदा का मामला देख रही परिषद की समिति ने मसूद को प्रतिबंधित सूची में शामिल किया है।
दरअसल समिति को इस बढ़ते जा रहे खतरे पर काबू पाने के लिए अपनी रफ्तार जारी रखनी होगी। रूस के स्थायी उप प्रतिनिधि गेनाडी कुजमिन ने कहा कि 1267 समिति ने खुद को आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा परिषद के सबसे प्रभावी तंत्रों में से एक साबित किया है।
जर्मनी के स्थायी प्रतिनिधि क्रिस्टोफ ह्यूसगेन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह इस समिति के काम के लिए अच्छा संकेत है कि हम मसूद को इस सूची में शामिल कराने में सक्षम रहे। यह कुछ लोगों के लिए मुश्किल था, लेकिन यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हम इन अड़चनों को पार कर पाए और उसे सूची में शामिल कर पाए।