‘EC में असहमति का मतलब है मोदी-शाह के डर के कम होने का संकेत’

नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो चुनावी भाषणों को लेकर उन्हें दिए गए क्लीन चिट पर एक चुनाव आयुक्त का असहमत होना दिखाता है कि “मोदी-शाह का डर” अंतत: कमजोर पड़ रहा है।

सूत्रों के मुताबिक एक अप्रैल को वर्धा में दिए गए मोदी के भाषण को लेकर चुनाव आयोग के प्रधानमंत्री को क्लीन चिट देने के फैसले में एक चुनाव आयुक्त ने अलग राय दी थी।

पी चिदंबरम

इस भाषण में मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर केरल की ‘अल्पसंख्यक बहुल’ वायनाड सीट से चुनाव लड़ने के लिए निशाना साधा था और नौ अप्रैल को लातूर में दिए चुनावी भाषण में बालाकोट हवाई हमले तथा पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों के नाम पर वोट मांगा था।

चिदंबरम ने एक के बाद कई ट्वीट किए। एक में उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग के एक सदस्य को मोदी-शाह के भाषणों में गलती नजर आना और अन्य दो से असहमत होने से, अंतत: चुनाव आयोग में कुछ जान नजर आ रही है।”

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “छह, 12 और 19 मई के नजदीक आने पर हो सकता है चुनाव आयोग सचमुच मिस्टर मोदी एवं मिस्टर शाह को फटकार लगाए। इसका अर्थ है कि मोदी-शाह का भय अंतत: कमजोर पड़ रहा है। मुझे उम्मीद है कि अन्य संस्थाएं एवं मीडिया भी मोदी-शाह के डर से बाहर निकलेंगी और अपनी स्वतंत्रता पर जोर देंगी।”

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ऐसे फैसले लेने वाले “पूर्ण आयोग” में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त अशोक लवासा एवं सुशील चंद्र शामिल हैं।

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